मैडिटेशन के फायदों को ऊँगली पर गिनना शायद बहुत ही मुश्किल है क्योंकि मैडिटेशन एक ऐसी क्रिया है जिससे कई प्रकार के फायदे हैं और ऐसे फायदे जिनके बारे में अगर आप सोचेंगे तो आपको चमत्कार महसूस होगा। जैसे बिना किसी क्रीम के मैडिटेशन से आप खुबसूरत हो सकते हैं। बिना किसी दवा के आपके दिमाग को आप तेज़ कर सकते हैं। आपकी सीखने की क्षमता को भी आप मैडिटेशन के द्वारा बढ़ा सकते हैं। तो कई प्रकार से मैडिटेशन आपके जीवन या हमारे जीवन में महत्वपूर्ण है। मैडिटेशन को अगर सुबह-सुबह शांत बातावरण में किया जाये तो इसका असर दोगुना हो जाता है।
मैडिटेशन आपके सीखने की क्षमता को कैसे बढाता है:
- यह दिमाग के सीखने वाले हिस्से को उत्तेजित करता है।
- दायें और बायें हिस्से को साथ में सक्रिय करता है।
- अल्फा ब्रेनवेव्स को बूस्ट करने में सहायक है।
- एकाग्रता को बढाता है।
- सोचने की क्षमता को बढाता है।
यह दिमाग के सीखने वाले हिस्से को उत्तेजित करता है:
मैडिटेशन से दिमाग का वह हिस्सा सक्रिय और उत्तेजित हो जाता है जहाँ से मनुष्य सीखता है। इससे सीखने की क्षमता तीव्र हो जाती है और जो भी आप सीखने की कोशिश करते हैं वह आप बहुत जल्दी सीख लेते हैं किसी भी चीज़ को समझने में आपको समय नहीं लगता।
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मष्तिष्क के दायें और बायें हिस्से को साथ में सक्रिय करता है:
मष्तिष्क के दायें और बायें हिस्से को मैडिटेशन के द्वारा साथ में सक्रिय किया जाना संभव है। मष्तिष्क के अगर दोनों हिस्से साथ में सक्रिय होकर कार्य करते हैं इसका मतलब है कि उस व्यक्ति का दिमाग बहुत तेज़ है ऐसा बहुत ही कम लोग कर पाते हैं कि दोनों हिस्सों से साथ में काम ले पाते हों।
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अल्फा ब्रेनवेव्स को बूस्ट करने में सहायक है:
यह मष्तिष्क का अहम् भाग होता है जब आप नियमित मैडिटेशन करते हैं तो अल्फा ब्रेनवेव्स को बूस्ट करने में सहायता मिलती है। केवल ॐ के उच्चारण से ही बहुत लाभ होता है। ॐ को भी मैडिटेशन का एक अहम् भाग माना गया है।
एकाग्रता को बढाता है:
कई बार ऐसा होता है कि अगर हमारा मन एकाग्र न हो तो कई सारे कार्य हम ठीक प्रकार से नहीं कर पाते लेकिन अगर हमारा मन एकाग्र और केन्द्रित हो तो बड़े से बड़ा कार्य भी हम आसानी से कर सकते हैं। तो अगर आप मैडिटेशन करते हैं तो इससे एकाग्रता बढती है और निरंतर मैडिटेशन करने से इसके कई फायदे होते हैं जो आप स्वयं महसूस कर पाएंगे।
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सोचने की क्षमता को बढाता है:
कभी-कभी हम ऐसी परिस्थिति में फंस जाते हैं कि हमें समझ ही नहीं आता कि क्या सही है क्या गलत है और हम सोच भी नहीं पाते कि हमें क्या करना चाहिए। लेकिन जब हम मैडिटेशन करते हैं तो मन शांत होता है और सोचने की क्षमता बढती है।
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तो अगर आपके मन में भी यह प्रश्न था कि मैडिटेशन आपकी सीखने की क्षमता को कैसे बढाता है तो आप समझ ही गए होंगे कि कैसे आपके सीखने की क्षमता बढती है। इसलिए आप भी मैडिटेशन को अपने जीवन में उतरें और नियमित मैडिटेशन करें।