तनाव और पेट की चर्बी को कम करने के लिए अपनाये ये योगासन

by Darshana Bhawsar
yoga poses to reduce stress and belly fat

आज के समय में अधिकतर लोग नौकरी करते हैं। महिलाएँ हो या परुष सभी नौकरी करते हैं उसके बाद घर की भी कई जिम्मेदारियाँ होती हैं जिसकी वजह से लोग खुद पर ध्यान नहीं दे पाते और परिणाम स्वरुप वे तनाव का शिकार होने लगते हैं, मोटापे का शिकार होने लगते हैं।

लेकिन अगर आप जल्दी ही इन दोनों चीज़ों पर ध्यान नहीं देंगे तो इससे आपको कई और समस्याएँ होने लगेंगी, जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। यहाँ हम जानेंगे तनाव और पेट की चर्बी को कम करने वाले योगासन के बारे में।

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योग एक ऐसी उर्जावान क्रिया है जिससे आप चर्बी तो कम कर ही सकते हैं इसके अलावा आप अपने जीवन में जो भी चाहते हैं वो भी कर सकते हैं। यह आपके दिमाग और आपके शरीर को इतना अधिक सकारात्मक कर देता है जिससे कि न की गुंजाईश ही नहीं रह जाती।

अगर आप योग को अपनाते हैं और इसको पूर्ण रूप से करते हैं तो आप इसका चमत्कारिक असर देखेंगे। तो चलिए जानते हैं तनाव और पेट की चर्बी को कम करने वाले योगासन के बारे में।

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तनाव और पेट की चर्बी को कम करने के लिए अपनए ये योगासन:

  1. बटरफ्लाई आसान
  2. पश्चिमोत्तानासन
  3. उष्ट्रासन
  4. शीर्षासन
  5. शवासन

बटरफ्लाई आसान:

  • अपने पैरों को सामने की तरफ फैलाएँ और सीधे बैठ जाएँ ध्यान रखें कि रीढ़ की हड्डी बिलकुल सीधी रहे।
  • घुटनो को मोड़ लें और दोनों पैरों को अब श्रोणि की तरफ लेकर आयें। पाँव के तलवे एक दूसरे को छूना चाहिए।
  • दोनों हाथों से दोनों पैरों को अच्छे से पकड़ लें। अपने हाथों को पैर के नीचे भी रख सकते हैं जिससे आपको सहारा मिले।
  • एड़ी को जननांगों पास लाने का प्रयास करें।
  • गहरी साँस ले और साँस को छोड़ते हुए घुटनो और जांघो को जमीन की तरफ दबाएँ।
  • अब तितली के पंखों की तरह अपने दोनों पैरों को ऊपर नीचे हिलाएँ। धीरे-धीरे गति तेज़ करें।
  • जितनी तेज़ी से इसे कर सकते हैं करें। अब गति कम करते हुए रुकें और गहरी साँस ले फिर साँस को छोड़ते हए आगे की तरफ झुकें और रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
  • कोहनी से घुटनो पर दबाव डालिए। जिससे घुटने और जांघ जमीन को छु सके।
  • लंबी गहरी साँस ले और धड़ को ऊपर लेकर आयें।
  • साँस छोड़ते हुए धीरे से सामान्य मुद्रा में आयें और पैरों को सामने की ओर सीधा करते हुए विश्राम करें।

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पश्चिमोत्तानासन:

  • दोनों पैरों को बाहर की तरफ फैलाते हुए आराम से जमीन पर बैठ जाएँ।
  • श्वास लें और बाहों को ऊपर की ओर उठाएँ और जितना हो सके शरीर को आगे की ओर झुकाने की कोशिश करें।
  • सामने की तरफ झुकते समय साँस को छोड़े।
  • अब दोनों हाथो से पैरों के तलवों को और नाक को अपने घुटनों से छूने की कोशिश करें।
  • शुरुआत में इसे 5 सेकंड के लिए करें और जब आप सहज महसूस करें तब मुद्रा में कुछ देर बने रहने की कोशिश करें।
  • श्वास लें और अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएँ।

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उष्ट्रासन:

  • सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएँ या वज्रासन में बैठ जाएँ।
  • जांघों और पैरों को एक साथ रखें। आपके पंजे पीछे की ओर होना चाहिए तथा फर्श पर जमे होना चाहिए।
  • घुटनों तथा पैरों के बीच में लगभग 1 फुट की दूरी होना चहिये।
  • अब घुटनों पर खड़े हो जाएँ।
  • साँस लेते हुए पीछे की तरफ जितना हो सके झुकें और दाईं हथेली को अपनी दाईं एड़ी पर तथा बाईं हथेली को अपनी बाईं एड़ी पर रखिये।
  • एक बात का ध्यान रखें कि जब आप पीछे झुकें उस समय गर्दन को झटका न लगे।
  • अब जांघें फर्श से समकोण बना रही होंगी और सिर पीछे की तरफ झुका हुआ होगा। आपके शरीर का वजन हाथों और पांवों पर समान रूप से होना जरुरी है।
  • धीरे-धीरे साँस लीजिये और धीरे-धीरे साँस छोड़िये।
  • यह एक चक्र पूरा हुआ। इस तरह से आप इसे पांच से सात बार कर सकते हैं।

शीर्षासन:

  • वज्रासन मुद्रा में घुटनों पर बैठ जाइये और अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में इंटरलॉक कर लीजिये और उन्हें जमीन पर बिछी हुई मेट पर रखें।
  • हथेली को कटोरी के आकार में मोड़ लीजिये और धीरे से अपने सिर को झुकाएँ और हथेली पर रखें।
  • अब धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को ऊपर की ओर उठाइए और एकदम सीधे रखिये। पैरों को ऊपर उठाने के लिए आप दीवार या किसी व्यक्ति का सहारा लीजिये।
  • अब नीचे से ऊपर तक आपका पूरा शरीर बिल्कुल सीधा हो इसका ध्यान रखिये। शरीर का संतुलन बनाये रखने की कोशिश करें।
  • इसी स्थिति में 15 से 20 सेकेंड तक गहरी साँस लीजिये।
  • अब आराम से साँस छोड़ें और पैरों को जमीन पर वापस लेकर आइये।
  • इस आसन को आप तीन से चार बार करें।

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शवासन:

  • जमीन पर चटाई या योग मेट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएँ।
  • अपनी आंखें अब बंद कर लीजिये।
  • दोनों पैरों पर से अपना ध्यान हटा लें। पूरी तरह से रिलैक्स हों जायें और अपने शरीर को ढीला छोड़ दें।
  • हथेलियों को खुला छोड़ दीजिये लेकिन ऊपर की ओर रखिये।
  • अब शरीर के हर अंग की तरफ ध्यान देना शुरू करिए और इसकी शुरुआत आप पैरों के अंगूठे से करिए। जब आप ऐसा करें तब साँस लेने की गति एकदम धीरे करें। धीरे-धीरे आप गहरे मेडिटेशन में अपनेआप जाने लगेंगे। लेकिन आपको सोना नहीं है।
  • साँस लेने की गति धीमी लेकिन गहरी रखें।
  • 10-12 मिनट के बाद में जब आपका शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जायेगा
  • आप इसी स्थिति में बने रहे।

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इन सब ही योगासन से आपका तनाव कम होगा और आपके पेट की चर्बी भी कम होगी और आपको बहुत ही ज्यादा उर्जा मिलेगी। योग सिर्फ व्यायाम नहीं है यह शरीर को उर्जा प्रदान करने वाली क्रिया है जिसको हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए। अगर इस क्रिया को आप प्रतिदिन करते हैं तो आपके जीवन में सकारात्मकता भर जाएगी।