कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी और साइटिका के लिए योगासन

by Darshana Bhawsar
Yogasan for Back Pain

योगासन जिस प्रकार की प्रक्रिया है उसे समझना और अपने जीवन में उतारना बहुत ही आसान है लेकिन इसके बाद भी लोग इसे सामान्य तौर पर लेते हैं। योग एक ऐसी प्रक्रिया या क्रिया है जिसके द्वारा आप पूर्ण रूप से स्वस्थ रह सकते हैं तन से भी और मन से भी। लेकिन इसके लिए आपको इसका अभ्यास करना पड़ेगा।

इसको एक उदहारण से समझिये, जब हम स्कूल जाते हैं तो हम अपने पहले दिन से ही पढना या लिखना नहीं सीख जाते। अभ्यास करते-करते वह दिनचर्या, पढाई हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाती है। इसी तरह योग है जितना अभ्यास करेंगे उतने आप इसमें प्रबल होंगे। तो चलिए जानते हैं कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी और साइटिका के लिए योगासन के बारे में। आज के समय में यह समस्या अधिकतर लोगों में देखी जाती है जिसके कई सारे कारण है।

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कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी और साइटिका के लिए योगासन:

  1. बालासन
  2. अधोमुख श्वानासन
  3. अर्द्ध चंद्रासन
  4. भुजंगासन
  5. शलभासन

बालासन:

बालासन से कमर दर्द, रीढ़ की हड्डी का दर्द एवं साइटिका की समस्या में आराम मिलता है चलिए जानते हैं इसे करने की विधि:

  1. वज्रासन में बैठ जाइये और अपनी रीढ़ को सीधा रखिये।
  2. अब साँस को लेते हुए अपने दोनों हाथो को ऊपर की तरफ लेकर जाइये।
  3. साँस छोड़ते हुए अब आप अपनी कमर के ऊपरी हिस्से को सामने की तरफ झुकाएं, साथ ही दोनों हाथो को भी सामने की तरफ सीधा रखें।
  4. हाथों को सीधा रखते हुए अपने सिर को जमीन पर लगायें।
  5. 30 सेकंड से लेकर कुछ मिनट के लिए इस ही मुद्रा में रहिये।
  6. अब वापस वज्रासन मुद्रा में आ जाइये।
  7. इस प्रक्रिया को 10 से 15 बार करें।

अधोमुख श्वानासन:

इस योगासन के चमत्कारिक असर दिखाई देते हैं इसको करने की सही विधि है:

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  1. अपने हाथों और पैरों के बल आ जाएँ। शरीर को एक मेज़ की स्थिति में ले आयें। आपकी पीठ मेज़ की ऊपरी हिस्से की तरह हो और दोनों हाथ और पैर मेज़ के पैर की तरह।
  2. साँस छोड़ते हुए अपनी कमर को ऊपर की ओर उठाएं। अब घुटने और कोहनी को मजबूती देते हुए सीधे करते हुए उल्टा v-आकार बनाएं।
  3. हाथ अपने कंधो के जितने दूरी पर हों वैसे ही पैर कमर के दूरी के बराबर और एक-दूसरे के समानांतर होना चाहिए। अब अपने पैर की उंगलिया को बिल्कुल सामने की तरफ रखें।
  4. हथेलियों को जमीन पर दबाएँ और कंधो के सहारे इन्हें मजबूती देने की कोशिश करें। गले को तना हुआ रखें और अपने कानों को अपनी बाहों से स्पर्श कराएं।
  5. गहरी श्वास लें और इस अधोमुख स्वान की अवस्था में बने रहिये। अपनी आँखों को नाभि पर बनाये रखिये।
  6. अब श्वास को छोड़ते हुए घुटने को मोड़ लीजिये और वापस मेज़ वाली मुद्रा में आ वापस जाएँ। थोड़ी देर विश्राम करें।

अर्द्ध चंद्रासन:

यह योग साइटिका, कमर दर्द और रीढ़ की हड्डी के दर्द में आराम देता है चलिए जानते हैं इसे करने की विधि:

  1. सबसे पहले सीधे खड़े हो जाइये, आपकी एडियाँ मिलीं हुईं होना चाहिए और पंजों के बीच थोड़ा सा फासला होना चाहिए।
  2. दोनों भुजाओं को ऊपर की ओर खींचें और हाथ जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में आ जाइये।
  3. इसके बाद अपने हाथों को ऊपर की तरफ पूरा खिंचाव दें और ऐसे करते हुए श्वास भरें और पहले बायीं ओर जितना अधिक मोड़ सकें मोड़ें।
  4. श्वास छोड़ते हुए वापस पहले वाली मुद्रा में आएं और फिर इसी प्रकार दायीं करें और पीछे की ओर करें। लेकिन ध्यान रखें कि आपको आगे की ओर नहीं झुकना है।

भुजंगासन:

यह एक ऐसा आसान है जिसके अनगिनत फायदे हैं तो जानते हैं इस आसन को करने की विधि:

  1. सबसे पहले पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब अपनी दोनों हथेलियों को अपनी जांघों के पास जमीन की तरफ रखें।
  2. अब आप अपने दोनों हाथों को अपने कंधे के बराबर लेकर आएं और साथ ही दोनों हथेलियों को जमीन की ओर रखें।
  3. अपने शरीर का वजन अपनी हथेलियों पर डाल दें, अब साँस अन्दर की ओर खींचें और अपने सिर को पीठ की तरफ खींचने की कोशिश करें। ध्यान रखें कि आपकी कुहनी मुड़ी हुई न हो।
  4. अपने सिर को पीछे की ओर खीचें और साथ ही छाती को भी आगे की तरफ निकालने का प्रयास करें। सिर को सांप के फन के जैसे खींचकर रखें। लेकिन रखें कि आपके कंधे कान से दूर रहना चाहिए और कंधे मजबूत बने रहना चाहिए।
  5. अपने कूल्हों, जांघों और पैरों से जमीन की ओर थोडा दबाव बढ़ाएं।
  6. इस स्थिति में लगभग 15 से 30 सेकेंड तक रहें और साँस की गति को सामान्य बनाए रखें। ऐसा महसूस करने का प्रयास करें कि आपका पेट जमीन की और दब रहा है।
  7. इस मुद्रा को छोड़ने के लिए, धीरे-धीरे आप अपने हाथों को वापस साइड पर लाइए। सिर को जमीन पर रखकर विश्राम दें। अपने हाथों को सिर के नीचे रखें। और सामान्य साँस लें।

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शलभासन:

यह आसन रोजाना करने से कई प्रकार की बैक पैन से सम्बंधित समस्याएँ दूर हो जाती हैं इसकी विधि इस प्रकार है:

  1. साँस अंदर की ओर लेते हुए अपना दायाँ पैर उठाइए। पैर को सीधा रखें। ध्यान रखें कि कूल्हे पर झटका नहीं आना चाहिए।
  2. इस स्थिति को बनाये रखें और साँस लेते रहिये।
  3. अब साँस को छोड़ें और अपने दाएँ पैर को नीचे रख दें।
  4. यही प्रक्रिया अपने बाएँ पैर के साथ भी दोहराएँ। 2-3 गहरी लंबी साँसे लीजिये।
  5. अब हाथों की मुठ्ठी बना लीजिये और अपने जंघा के नीचे रख दीजिये।
  6. साँस अंदर लें और दोनों घुटनों को सीधा रखें, थोड़ी गति के साथ अपने दोनों पैरों को जितना हो सके उतना उपर उठाएँ।
  7. इस स्तिथि को बनाये रखें।
  8. साँस को छोड़े और अब अपने दोनों पैरों को नीचे की तरफ लाएँ, दोनों हाथों को नीचे से हटा लें और अब थोडा विश्राम करें।
  9. अब अगले कदम पर हाथों को नीचे रखते हुए इस पूर्ण प्रक्रिया दोबारा से दोहराइए।

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इस प्रकार से इन योगासन को करते हुए आप कमर दर्द, रीढ़ की हादी के दर्द और साइटिका से राहत पा सकते हैं। इन योगासन का अभ्यास करें और इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करने इनके फायदे चमत्कारिक हैं।