कोरोना के चलते जिम बंद होने से परेशान हैं तो इन एक्सरसाइज को करके पाएं आकर्षित बॉडी

by Dr. Himani Singh
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आज कल हर तरफ कोरोना वायरस का आतंक फैला हुआ है हर कोई इस वायरस की दहसत से गुजर रहा है। चीन  तथा अन्य कई और देशों के साथ साथ अब भारत में भी इस  जानलेवा कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है। ये ख़तरनाक संक्रामक बीमारी दुनिया भर में आतंक का कारण बन  चुकी है, जिसके चलते  WHO ने कोरोनो वायरस के प्रकोप को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। नोवेल कोरोना वायरस की चपेट में अभी तक 91 हज़ार से ज़्यादा लोग आ चुके हैं, जबकि 3 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसलिए, यह आकड़े इस बात का संकेत दे रहे हैं कि यह बीमारी दुनिया भर के लिए गंभीर ख़तरा  बन सकती है।

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जैसे-जैसे कोरोना वायरस का डर फैलता जा रहा है, वैसे-वैसे लोगो के बीच में इसके प्रति दहशत भी बढ़ती जा रही है। WHO के अनुसार, यह बीमारी वायरल बूंदों के माध्यम से  एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है, जो किसी बीमार व्यक्ति के मुंह से खांसने, छींकने और यहां तक ​​कि बात करने के दौरान निकल सकती  है। कोरोना वायरस से चीन में  आकड़ों की माने तो अबतक लगभग 3213 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं भारत में कोरोना वायरस  से संक्रमित लोगों की संख्या 110 तक पहुंच चुकी है।भारत ने कोरोना वायरस  के बढ़ते प्रकोप  को रोकने के मद्देनजर 36 देशों से आने वाले यात्रियों के प्रवेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई  है। वहीं 11 देशों के यात्रियों को अनिवार्य रूप से अलग रखा जा रहा है। राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के चलते स्कूल, ऑफिस, मॉल, सिनेमा घर और जिम आदि 15 दिन तक बंद  करने का फैसला लिया हैं जिससे इस वायरस के ओर अधिक बढ़ने पर रोक लगाई जा सके, हो सकता है आगे आने वाले समय में इस प्रकिर्या को 15 दिन से कुछ और अधिक दिन के लिए बढ़ाना पड़ें, ऐसे में यह समय उनलोगो के लिए बहुत ही मुश्किल होगा जो नियमित रूप से जिम जाकर वर्कआउट करने के  आदि हो चुके हैं।

कोरोना वायरस को लेकर जिमों की पहचान “उच्च जोखिम” के रूप में की गई है क्योकि जिम एक ऐसा स्थान हैं  जहां पसीने और नमी की वजह से कीटाणु, वायरस आदि को फैलने में बढ़ावा मिलता हैं। डॉक्टरों की माने तो  जिम COVID-19 के प्रसार के लिए एकदम सही जगह हैं क्योंकि  यह वायरस आम तौर पर आर्द्र और नम होते हैं।

हलाकि  COVID-19 के पसीने के माध्यम से फैलने  के अभी तक कोई  सबूत नहीं मिले हैं परन्तु इसके  बावजूद,  इसका ट्रांसमिशन हाथ मिलाने,  खाँसने  या छींकने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक हो सकता है, ऐसे में कोई कोरोना वायरस से ग्रषित व्यक्ति  जिम उपकरणों का प्रयोग करता है जिसको वह खाँसने  या छींकने के बाद अपने हाथों द्वारा प्रयोग करता है तो  ऐसे में इस वायरस के कण उस उपकरण की सतह पर चले जाते हैं और यदि इन उपकरण को कोई ओर व्यक्ति  प्रयोग करता है तो वह व्यक्ति भी इस वायरस से ग्रषित हो जाता है। ऐसे में बहुत से व्यक्तियों को  जिम में एक्सरसाइज करना अधिक मात्रा में कोरोना से ग्रषित कर सकता है क्योकि  जिम के उपकरण केवल एक व्यक्ति द्वारा नहीं प्रयोग किये जाते हैं वहां उपस्थित कई लोग एक उपकरण को  प्रयोग करने के लिए छूतें हैं।

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एतिहार के तौर पर सभी जिमों में “सफाई और स्वच्छता के स्तर को बढ़ाना बहुत जरुरी है, जिसमें दिन में कई बार जिम के सभी उपकरणों को सही तरह से साफ़ करना , सभी जिम करने वालों को  हैंड सेनेटाइज़र और साबुन  सुनिश्चित करना शामिल हैं। साथ ही सभी सदस्यों को अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता के माध्यम से बीमारी के प्रसार को कम करने में मदद करना भी शामिल है ,चाहें वह जिम करने वाला व्यक्ति को या जिम ट्रेनर या फिर जिम की साफ़ सफाई करने वाले कर्मर्चारी। ऐसे में जिम के दौरान लगातार हाथ धोना” और “खांसी या छींकने पर अपने मुंह और नाक को ढंकना भी शामिल है।

इन माहौल के चलते लोगो का घर पर ही एक्सरसाइज करना सबसे सुरक्षित तरीका जान पड़ता हैं। अतः इन परिस्थितियों में आप बिना वेट और अन्य उपकरणों के प्रयोग किये बिना ही अनेकों प्रकार की एक्सरसाइज करके अपने आपको हेल्दी और फिट रख सकते हैं। इसके लिए आपको अपने लक्ष्यों को निर्धारित करना पड़ेगा, और अपने लिए एक व्यायाम की अनुसूची बनानी पड़ेगी। 

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हम यहाँ आपको कुछ अलग अलग प्रकार की एक्सरसाइज बता रहें हैं जो आपके शरीर के अलग अलग हिस्से पर अलग अलग प्रभाव डालेगी। 

कार्डियो एक्सरसाइज : कार्डियो एक्सरसाइज आपके दिल, फेफड़ों और लीवर से लेकर किडनी को स्वस्थ रखने में लाभकारी होती हैं। अतः यदि आपके एक्सरसाइज की शुरुआत कुछ अलग -अलग प्रकार की कार्डियो एक्सरसाइज से हो तो ऐसे में आप अपने सम्पूर्ण शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। आइये जानते है आप अपने घर पर किन कार्डियो एक्सरसाइज से शुरुआत कर सकते हैं।

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  1. स्किपिंग : स्किपिंग एक तेज कार्डिओ एक्टिविटी के साथ- साथ आपके कंधों, निचले हिस्‍सों, थाई को टारगेट  करके, उनको टोन करने में  मदद  करती है। यह कैलोरी बर्न करने का बहुत पुराना और आसान तरीका माना जाता है जाता है।  स्किपिंग की खास बात यह है कि आप  इसे कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि  एक औसत साइज का व्यक्ति अगर रस्सी कूदता है तो इससे वह 1 मिनट में ही 10 कैलरी बर्न कर सकता है।

रस्सी कूदने से होने वाले फायदे:

  • रस्सी कूदने से दिल स्वस्थ रहता है। रस्सी कूदने से दिल तेजी से धड़कता है,जिसके फलस्वरूप आक्सीजन अधिक मात्रा में फेफड़ों में पहुँचती हैं व पूरे शरीर में रक्त का संचार तीव्र गति से होता है, जिसके चलते  शरीर के सभी अंग अधिक कार्यक्षमता से कार्य करते हैं।
  • दौड़ने के बजाय रस्सी कूदने से आपके घुटनों पर बुरा असर नहीं पड़ता है क्योंकि कूदते समय जो  झटके लगते हैं वह  पूरे पैर में बंट जातें है और घुटनों पर सीधा असर  नहीं पड़ने देतें हैं।
  • रस्सी कूदने से फेफड़ो की क्षमता बढती है, फेफड़े मजबूत होते है क्योकि आक्सीजन अधिक मात्रा में फेफड़ों तक पहुँचती है।
  • रक्त का संचार तीव्र होने के कारण आपके  चेहरे पर चमक  आती है, क्योकि अधिक ऑक्ससीजन मिलने से आपकी त्वचा को न्यूट्रीशन मिलता है और शरीर के विषैले तत्व पसीने द्वारा  बाहर निकल जाते हैं।
  • जम्पिंग जैक्स: जम्पिंग जैक्स  काफी हद तक हमारे  स्कूलों में होने वाली पीटी  के जैसी एक्सरसाइज हैं। जम्पिंग जैक्स कार्डियो एक्सरसाइज  की श्रेणी में  सबसे अहम भूमिका निभाती  है। जम्पिंग जैक्स आपकी पूरी बॉडी पर एक साथ काम करती है अतः यह आपकी पूरी बॉडी के लिए एक  अच्छी एक्सरसाइज है।  इसे करने से बहुत अधिक  मात्रा में कैलोरी बर्न होता है। साथ ही इसे करने से आपकी जांघों को मजबूती और सही आकार मिलता है। जम्पिंग जैक्स आपके स्टेमिना को भी बढ़ाने का काम करता है।

कैसे करें:

  • यह एक्सरसाइज शुरू करने से पहले अपनी टांगों और बाहों को अच्छे से स्ट्रेच कर लें।
  • अब सीधा खड़े  हो जाएं और दोनों  हाथों को नीचे की तरफ सीधा शरीर के साथ सटाकर रखें और अपने दोनों पैर  भी आपस में  जोड़ लें ।
  • अब हवा में जितना ऊंचा कूद सकते हैं उतना ऊंचा कूदने का प्रयास करें।
  • कूदते समय अपने दोनों पैरों को थोड़ा-सा खोलें और दोनों हाथों  को  सिर से ऊपर ले जाएं।
  • जब फिर से अपनी पहले की अवस्था में बापस आ जाएं ।
  • शुरुआत में आप इस एक्सरसाइज के 30-30 के दो राउंड कर सकते हैं। बाद में आप अपनी  स्ट्रेंथ के अनुसार इसे बढ़ा  सकते हैं। 
  • जम्पिंग जैक्स करने  से आपके  स्टेमिना में सुधार  होता  है । हो सकता  है आपको शुरूआत में परेशानी हो क्योकि आपकी सांस फूल सकती है , परन्तु धीरे – धीरे आपके स्टेमिना में  काफी ज्यादा फर्क पड़ेगा।

लाभ:

  • वजन कम होता है: ये एक्सरसाइज आपकी बॉडी में से अधिक से अधिक  कैलोरी को  हटाती है। इस एक्सरसाइज को एक बार में लगातार बहुत अधिक न करें। आप रुक रुक  कर 50-50 के 2 या 3 सेट कर सकते हैं। इससे आपका हार्ट सही तरह से पंप करेगा और आपका पसीना सही तरह बाहर निकलने में मदद मिलेगी।
  • स्टेमिना में सुधार: जम्पिंग जैक्स करने से आपके स्टेमिना में सुधार होता है। हो सकता है आपको शुरूआत में परेशानी हो क्योकि आपकी सांस फूल सकती है, परन्तु धीरे-धीरे आपके स्टेमिना में काफी ज्यादा फर्क पड़ेगा।
  • लचीलापन आता है: जम्पिंग जैक्स करने के दौरान आपकी पूरी बॉडी अच्छी तरह खुल जाती है जो कि आपके शरीर को लचीला  बनाने में लाभकारी होता है। इसे आप अपने आपको एक्टिव भी महसूस करेंगे।
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अप्पर बॉडी एक्सरसाइज:

पुश अप: अपर बॉडी वर्कआउट के लिए पुश अप्स बहुत अधिक असरदार एक्सरसाइज मानी जाती है। पुश अप्स बाहों, छाती, ट्राइसेप्स और कंधों की मासपेशी को टोन करने के लिए एक बेहतरीन व्यायाम माना जाता है। यह आपकी सबसे पसंदीदा व्‍यायाम में से एक हो सकती है, क्‍योंकि इसे आप अपनी  सुविधा के अनुसार आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको विशेष तैयारी की जरूरत भी नहीं पड़ती, क्योकि  इस एक्सरसाइज को आप अपने घर या पार्क कहीं पर भी कर सकतें हैं।

पुश अप्स करने का तरीका :

  • पुश अप्स एक्सरसाइज करने के लिए सबसे पहले समतल जगह का चुनाव करे।
  • अब आप पेट के बल  लेट जाएँ ।
  • अब अपने घुटने और पैरों को सीधा करते हुए अपना पूरा वजन हाथो और पैरों के पंजो पर लाते हुए धीरे धीरे अपने शरीर को  थोड़ा ऊपर उठाएं।
  • अब धीरे धीरे अपने शरीर को अपनी कोहनिया मोड़ते हुए नीचे  की ओर लेकर जाएं।
  • जंमीन की तरफ  नीचे जाते समय आपके शरीर ओर जमीन  से टच न करें बल्कि
  • जमीन और  अपने चेस्ट के बीच में कम से कम  1 इंच का फासला रखें और फिर अपने शरीर को ऊपर की ओर वापिस उठाएं।
  • शरीर को नीचे ले जाते वक्‍त सांसों को बाहर छोड़ें और ऊपर  आते समय  सांसों को अंदर की तरफ  लें ।
  • कम से कम  शुरुआत में इसके 10-10 रेप के 3 सेट करें।
  • जैसे जैसे आपकी स्ट्रेंथ बढ़ती जाए आप अपनी कैपेसिटी के अनुसार इसको बढ़ा सकते हैं।

कितने पुशअप्स करने चाहिए?

अमेरिकन मेडिकल कॉलेज ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के अनुसार, यदि आप  रोज 2 से 4 सेट पुश-अप्स  के करते हैं तो आपकी  स्ट्रेंथ और पावर बढ़ती है। विशेष रूप से 8 से 15 रेपिटिशन करने से आपकी मसल्स मजबूत होती हैं। नियमित रूप से एक ही तरीके से पुश-अप्स करने से आप बोर हो सकते हैं। अतः  आपको  पुश-अप्स के  विभिन्न वर्जन ट्राई  करते रहना चाहिए।

पुश अप के प्रकार :

  • मॉडिफाइड पुश अप: पुश अप करने के इस तरीके में भी हाथों को कंधे के समानांतर रखा जाता है, लेकिन घुटने जमीन के साथ सटे रहते हैं। जो पहली बार पुश अप कर रहे हैं, उनके लिए शुरुआत में यह तरीका सबसे सही है।
  • स्टैंडर्ड पुश अप: स्टैंडर्ड पुश अप वर्कआउट का सबसे आसान तरीका माना जाता है। इसे करने के लिए आपको प्लैंक करने  जैसी पोजीसन लेनी  होती है। इसके बाद जमीन की  ओर आते हुए अपने सीने से जमीन को टच करना होता है।
  • वाइड पुश अप: इस पुश अप में पैरों के बीच  में थोड़ी दूरी अधिक रखनी होती है ,साथ ही दोनों  हाथों को भी कंधों से कुछ दूरी पर रखते हुए अपने शरीर को ऊपर की ओर लाना होता है।
  • नैरो पुश अप: यह पुश अप का तरीका  थोड़ा  शुरूआती  दौर में कठिन लग सकता है।पुश अप की इस विधि में हाथों को छाती के पास थोड़ा अंदर की ओर रखते हुए अपने शरीर को ऊपर की ओर लाना होता है और फिर इसी अवस्था में  ऊपर से नीचे जाना  होता है।
  • इंक्लाइन पुश अप : इस  पुश अप  को करने के लिए बैंच की ओर मुंह करें और कंधों की चौड़ाई से ज्यादा हाथों को फैलाते हुए बैंच पर रखें और पैरों को पीछे करते हुए जमीं से टिकाएं। अब अपने हाथों से बेंच पर जोर लगाते हुए अपने सीने को बेंच  की ओर लाएं और  धीरे – धीरे पीछे  जाएँ।
  • डिक्लाइन पुश अप: इस प्रकार के पुश अप को करने के लिए दोनों  हाथों को कंधे के समानांतर रख कर अपने  पैरों को थोड़ी ऊंची टेबल पर अच्छे से टिका लें और अपने शरीर को धीरे धीरे जमीन की

ओर लाएं। इस प्रकार के पुश अप को करने के लिए थोड़ी अधिक मेहनत लगती है, लेकिन इसका असर बहुत इफेक्टिव होता  है।

  • प्लायोमेट्रिक पुश/क्लैपिंग पुश अप : यह पुश अप करने का बहुत ही एडवांस तरीका माना जाता है,  साथ ही इसको करने के लिए थोड़ी अधिक स्ट्रेंथ की जरुरत होती है। इस पुश अप में शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर की ओर लाते  समय ताली बजाई जाती है। फिर वापस जमीन पर अपने ऊपरी शरीर को हाथों द्वारा टिकाना होता है।  इस दौरान आपके पंजे जमीन से सटे रहने चाहिए।

पुश अप करने के फायदे :

  • कमर दर्द में: अनेकों  शोध  के अनुसार पुश अप्स करने से मांसपेशियों में मजबूती आती है  साथ ही शरीर में  खिंचाव, अकड़न को दूर कर दर्द को कम करने में भी मदद मिलती है ।
  • वजन कम करता है : पुशअप्स को फैट बर्निंग एक्सरसाइज के नाम से जाना जाता है। इसे करने से तेजी से वजन कम होता है। पुशअप्स करने के दौरान आपकी कैलोरीज बहुत अधिक मात्रा में खर्च होती है जो की  वजन कम करने में  मददगार होती हैं।
  • मसल टोन और स्ट्रेंथ बढ़ाता है: पुश अप  करने से अप्पकी मसल टोन होती है साथ ही  आपकी स्ट्रेंथ भी बढ़ती हैं।
  • कार्डिएक डिजीज : एक स्टडी के मुताबिक पुश अप करने वाले लोगो  में दिल की बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है।
  • टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन बढ़ता है: पुश अप्स करने से  टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है, यह   हॉर्मोन्स पुरुषों  कि  सेहत के  लिए अच्छा माना जाता है।
  • हाथ, कंधे और छाती को मजबूत बनाता है : एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन)  में प्रकाशित शोध के अनुसार  पुश-अप करने से मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है , जिससे  हाथ, कंधे और छाती को मजबूती मिलती है।
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लोअर बॉडी एक्सरसाइज:

स्क्वाट: स्क्वैट्स ऐसी एक्सरसाइज है जिसे आप  बिना किसी  उपकरण के स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकते हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आपके शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने में  महतव्पूर्ण भूमिका निभाती है। शरीर  के निचले हिस्से को मजबूती प्रदान करने के लिए स्क्वाट एक्सरसाइज बहुत बढ़िया मानी जाती हैं। यह आपके  बट, कूल्हों और जांघों की अधिकांश प्रमुख मांसपेशीयों पर  प्रभावी ढंग से काम करती है।

स्क्वाट्स करने का तरीका:

  • स्क्वाट्स करने के लिए आप  सबसे पहले अपने दोनों हाथ सामने की ओर खुले रखें  और सीधे खड़े होकर छाती को थोड़ा बाहर की ओर निकालें ।
  • अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ते हुए इस प्रकार धीरे -धीरे  बैठें जैसे आप किसी कुर्सी पर बैठ रहे हों।
  • अपने घुटनों को पैरों के पंजों के बराबर ही रखें, घुटनो से बाहर न निकलने दें।
  • अब धीरे-धीरे नीचे झुकें और तब तक झुकें जब तक की आपके जांघे जमीन के बराबर न आ जाएं।
  • नीचे जाते समय अपनी  बॉडी को एकदम टाइट रखने का प्रयास करें।
  • अब धीरे धीरे ऊपर आते समय सांस छोड़ें और निचे जाते समय सांस लें।
  • शुरूआत में 10 स्क्वाट करें और फिर धीरे-धीरे 12-15 तक जाने का प्रयास करें।

स्क्वैट्स करने के फायदे:

  • फैट बर्न  होता है : स्क्वाट एक्सरसाइज  से  फैट बर्न आसानी से किया जा सकता है क्योकि इस एक्सरसाइज को  करने से आपका  मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है जो की आपकी  चर्बी को  आसानी से कम  करने में मदद करता  है।  स्क्वाट करने से कमर, हिप्स, हाथ और पेट के आसपास की चर्बी  तेजी से कम होती है। शोध के अनुसार  रैगुलर स्क्वाट करने से व्यक्ति 500-700 एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न कर सकता है।
  • मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है : स्क्वाट आपके पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के साथ पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में महतव्पूर्ण भूमिका निभाता है क्योकि स्क्वैट करते  समय  शरीर के विकास के लिए  जरुरी हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन का स्राव अधिक होता है, जो कि मांसपेशियों के विकास में सहायक होता  है। यह न केवल पैरों बल्कि पूरे शरीर की मांसपेशियों के लिए लाभकारी होता है।
  • जांघों की चर्बी कम करता है : स्क्वाट करने से  पैरों की चर्बी आसानी से घटाई जा सकती है। डीप स्क्वैट्स को जांघों या हिप्स की चर्बी कम करने के लिए यह बेहतरीन व्यायाम माना जाता है।

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एब्स एक्सरसाइज :

एब्स एक्सरसाइज  पेट के दो भागों ऊपरी और एब्डोमिनल भाग को आकर्षित बनाने के लिए की जाती है। एब्स एक्सरसाइज आपके कोर को मजबूती प्रदान करके , चर्बी को कम करते  हैं।

क्रंचेस: क्रंचेस एब्स के लिए सबसे बेहतरीन एक्सरसाइज मानी जाती है। ऐसा  माना जाता है कि क्रंचेस मांसपेशियों के लिए एक जरूरी एक्सरसाइज है। क्रंचेस से शरीर के कई हिस्सों और अलग-अलग मसल्स ग्रुप को फायदा होता है।

हाफ क्रंचेस:  यह एक्सरसाइज आपके  पेट के  ऊपरी भाग पर अच्छा प्रभाव डालती है।

कैसे करें :

  • अपनी पीठ के बल जमीन  पर सीधा लेट जाएँ  अब अपने घुटनों को  मोड़ें  और पंजों को जमीन पर टिकाएं। 
  • इस दौरान अपने  हाथ सिर के पीछे रखें,  और साँस  लें।  
  • अब पैरों को बिना उठाए अपनी गर्दन को ऊपर की ओर उठाने  का प्रयास  करें। हाफ क्रंच में आपको सिर्फ थोड़ा सा ही ऊपर उठाना होता है। अतः शुरुआती दौर वाले लोग इसे आसानी से कर सकते हैं।
  • अब ऊपरी हिस्से को वापस जमीन की ओर  ले जाते समय साँस छोड़ें।
  • अपने सिर, गर्दन और पीठ को एक-सीध में रखें।
  • शुरुआत में 8-8 के 3 सेट करने का प्रयास करें बाद में अपनी सामर्थ के अनुसार बढ़ा  सकते हैं।  
  • क्रंचेस करते  समय  हमेशा 1:2 का रूल अपनाना चाहिये। मतलब जब भी  आप ऊपर की ओर आएं  तो एक तक की गिनती गिने और जब नीचे जाएं तो दो तक की गिनती गिने ।

फुल क्रंचेस:

  • फुल क्रंचेस आपके बैली फैट को कम करने के साथ-साथ आपकी बॉडी को टोनअप करने का भी काम करता है। काफी हद तक इसका अभ्यास  हाफ क्रंचेस की तरह ही  करना होता है, लेकिन इसे करने के  दौरान  जितना अधिक संभव हो सके, ऊपर उठने का प्रयास करें। फुल क्रंचेस का अभ्यास करते समय ध्यान रखें कि जब आप ऊपर आएं तो सांस छोड़ें तथा वापिस नीचे जाते समय गहरी  सांस लें।

लेग रेस:

 यह एक्सरसाइज आपके पूरे कोर पर प्रभाव डालती है। यह एक्सरसाइज आपके  पेट के दो भागों ऊपरी और एब्डोमिनल दोनों पर अच्छा प्रभाव डालती है, साथ ही यह आपके पैरों की मांसपेशियां को भी मजबूती प्रदान करता  हैं।

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करने का तरीका:

  • जमीं पर पीठ के बल एकदम सीधे लेट जाएँ।
  • इस दौरान आपके पैर एकदम सीधे होने चाहिए।
  • दोनों पैरों के बीच में बहुत कम दूरी रखें।
  • दोनों हाथों को सीधा फर्श से चिपका के  रखें ।
  • अपनी साँस को सामान्य रखते हुए अपने  दोनों पैरों को ऊपर की ओर सीधा करें।
  • अपने पैर तब तक ऊपर की ओर उठाएं  जब तक आपके  पैरों और छाती के बीच कमर पर 90 डिग्री का कोण ना बन जाएं।
  • आप अपने दोनों पैरों को इस  अवस्थ में कम से कम15 से 20 सेकंड के लिए रोकें ।
  • अब धीरे धरे  पैरों को नीचे करके  अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
  • इस  एक्‍सरसाइज  के आप 10-12  रेप के कम से कम 3  सेट  दोहराएं।

प्लैंक:

इस एक्सरसाइज को करने से आपका बॉडी बैलेंस और पोस्चर इम्प्रूवमेंट  होता है। ये आपकी कोर मसल्स पर  बहुत ही अच्छे से काम  करती है। जिससे आपकी हिप्स और हैमस्ट्रिंग के पोस्चर में भी सुधार होता है। प्लैंक एक्सरसाइज जितनी सिंपल उतनी ही इफेक्टिव हैं।

   करने की विधि:

  • पेट के बल ज़मीन पर सीधा लेट जाएँ।
  • अब कोशिश करें कि आप धीरे-धीरे अपने शरीर का वजन दोनों कोहनियों और पैर के पंजों पर लाते हुए ऊपर उठ जाएँ।
  • पूरे शरीर को बिल्कुल सीधा रखे।
  • कुछ देर तक इसी पोजीशन में बने रहें ।
  • एक्सरसाइज करते समय सांसों को धीरे-धीरे ले और छोड़े।
  • ध्यान रहे पेट पर पड़ने वाले दबाव को कम ना होने दे।

   प्लैंक को ठीक से करने के लिए इन सुझावों पर अवश्य ध्यान दें:

  • पैर स्थिर रखें।
  • टांगें सीधी व आपस में जुड़ी होनी चाहिए, नहीं तो आपके पेट की मांसपेशियों पर कम दबाव पड़ेगा।
  • ग्ल्यूट्स की मांसपेशियों के समूह को प्लैंक करने के दौरान कसकर मज़बूत बनाए रखें।
  • पीठ का निचला हिस्सा पूरी तरह से सीधा रखें।
  • पेट सिकुड़ा रहना चाहिए ताकि आप उस उस पर पड़ने वाले दबाब को महसूस कर सकें।
  • कोहनियों को अपने कंधों के ठीक नीचे रखें।

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लाभ :

  • प्लैंक एक्सरसाइज का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है साथ ही शरीर की मांसपेशियों में लचीलापन आता है जिससे आपके चोट लगने के आसार बहुत कम हो जाते हैं ।
  • प्लैंक एक्सरसाइज आपके  ग्‍लूट्ल मसल्‍स और हैमस्ट्रिंग को मनवांच्छित आकार प्रदान करने में मदद करती हैइसको करने से इन स्थानों के आस पास अतिरिक्‍त चर्बी जमा नहीं हो पाती है साथ ही इसको नियमित रूप से करने से  सेल्‍यूलाइट भी चला जाता है।
  • यह  आपके कंधे और कॉलर बोन के लिये बहुत अच्‍छी एक्‍सरसाइज है।
  • यदि आपकी पीठ और कमर में दर्द  रहता है तो प्लैंक एक्सरसाइज को प्रतिदिन करने से  दर्द में बहुत राहत मिलती है ।
  • प्लैंक एक्सरसाइज आपके कोर मसल्स को  मजबूत बनाती है।
  • इससे से आपके  पेट के मसल्स को मजबूती मिलती है और शरीर की हड्डियाँ भी मजबूत होती है।
  • रोज  प्लैंक करने से पेट की चर्बी  कम होती है और अधिक मात्रा में कैलोरी बर्न होती है।