इन आसन की मदद से करें अपने मेटाबॉलिज्म को संतुलित

by Mahima
asanas

मेटाबॉलिज्म हमारे शरीर की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे आपके भोजन को पचा कर ऊर्जा में बदला जाता है और हम इस ऊर्जा का प्रयोग अपने दैनिक कार्यों को करने के लिए करते हैं। मेटाबॉलिज्म में हमारा शरीर रोज जितनी भी ऊर्जा लेता है उसका 50 से 70 फीसदी खर्च हो जाता है यदि हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही से न हो तो मोटापा, थकावट, डायबीटीज, अधिक बीपी की संभावना बढ़ जाती है। आपके शरीर का मेटाबॉलिज्म जितना तेज होगा आपको उतनी ही जल्दी ऊर्जा मिलेगी और आप उतने ही सक्रीय रहेंगे। अथार्त हम कह सकते हैं कि हमारा अच्छा मेटाबोलिज्म  होने से हमारे शरीर की पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहेगी और पाचन क्रिया को दुरुस्त रख कर आप अपने आप को बहुत सी बिमारियों से दूर रख सकते हैं।  मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए आप कुछ आसान आसन का  प्रयोग कर सकते हैं। इन आसनों को अपना कर आप अपने मेटाबोलिज्म को सही रख कर खुद को सक्रीय रख सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: किस प्रकार से करें पद्मासन योग

आइये जानते हैं इन आसनों के बारे में :   

पवनमुक्तासन: पवनमुक्त का अर्थ है हवा को मुक्त करना। यह  आसन हमारे पेट की अतिरिक्त वायु को  निकालने में सहायक होता है, इसलिए इस आसन को पवनमुक्तासन आसन के नाम से जानते है। यदि कोई व्यक्ति  मस्तिष्क और पेट से स्वस्थ हैं,तो वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली है। क्योकि जब मन शांत होगा तो पेट में कोई भी बीमारी नहीं होगी। अतः इस आसान द्वारा हम अपने पाचन तंत्र को मजबूत बना सकते है। गैस और कब्ज से छुटकारा पाने के लिए पवनमुक्तासन सबसे आसान उपाय है। पेट में से अतिरिक्त वायु को निकालना  पाचन क्रिया में मददगार होता है।

इसे भी पढ़ें: याददाश्त और हाई ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद होता है उद्गीथ प्राणायाम

हलासन : इस आसन  को करते समय आपके शरीर का आकार खेत में चलाने वाले हल जैसा दिखता है। इसीलिए इस आसन को हलासन कहा जाता हैं। इस आसन को करने से थायराइड का अल्प विकास,  दमा, सिरदर्द, कफ, रक्तविकार आदि जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। लीवर और प्लीहा बढ़ गए हो तो हलासन से सामान्यावस्था में आ जाते हैं।  आसन को करने से पाचन तंत्र और मांसपेशियों को शक्ति मिलती है और पाचन तंत्र ठीक रहता है।साथ ही में इसके करने से अपच, कब्ज, पेट की चर्बी कम करने इत्यादि में बहुत लाभ मिलता है।

इसे भी पढ़ें: ताड़ासन योग को करने का तरीका और सावधानियां

रिपोर्ट: डॉ.हिमानी