किस प्रकार से करें पद्मासन योग 

by Mahima
padmasana yoga

पद्मासन एक संस्कृत का शब्द है जिसका हिंदी में मतलब कमल का आसान हैं। इस आसन में बैठने पर शरीर  कमल जैसा प्रतीत होता है। इसलिए इसको lotus pose भी कहते हैं। यदि आप किसी योगी या मुनि को देखते होंगे तो वह अक्सर पद्मासन में बैठे मिलते होंगें। इस योगाभ्यास का वर्णन शास्त्रों में भी मिलता है। यह आसन अकेले शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से आपको सुख एवं शांति देने में सक्षम होता है। चीनी व तिब्बती बौद्ध मान्यता में कमल आसन को वज्र आसन भी कहा जाता है।

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पद्मासन योग की विधि

  • सबसे पहले एक समतल जमीं पर कोई चटाई बिछाकर बैठ जाएँ।
  • अब अपने दाहिने पैर को दोनों हाथों की मदद से मोड़ते हुए अपने बाएं जांघ के ऊपर रखें।
  • इसी प्रकार बाएं घुटने को भी हल्का सा मोड़ें और दोनों हाथों से पकड़कर इसे दाएं जांघ के ऊपर रखें।
  • पैरो की स्थिति इस प्रकार से होनी  चाहिए कि वह आपके पेट की नाभि को छूए।
  • ऐसी अवस्था में बैठने पर दाईं एड़ी से पेट के निचले बाएं हिस्से पर और बार्इं एड़ी से पेट के निचले दाएं हिस्से पर दबाव पड़ना चाहिए।
  • अब अपनी कमर को सीधा करके हाथों को ज्ञानमुद्रा में घुटनों के ऊपर रखें।
  • ऐसी अवस्था में कोशिश करें की आपकी रीढ़ हड्डी को सीधी रहे।
  • अब गहरी गहरी साँस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े।
  • जितनी देर तक आपकी सामर्थ हो उतनी देर तक इस अवस्था में बैठने का प्रयास करें ।
  • शुरूआत में पद्मासन को 2 से 3 मिनट तक करें ।
  • कुछ दिन अभ्यास के बाद इसकी अवधि बढ़ाएं और 15 से 20 मिनट तक अभ्यास करें।
  • पदमासन करते समय यह विशेष रूप से ध्यान रखें कि अपने सिर और शरीर को बिल्कुल भी न झुकाएं।

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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी