कपालभाति प्राणायाम को अपनाने के क्या हैं फायदे

by Mahima

आज कल के भाग दौड़ की दुनिया में व्यक्ति के अनियमित दिनचर्या तथा खान पान की वजह से व्यक्ति हमेशा  ही किसी न किसी बीमारी से घिरा ही रहता है। ऐसे में योग और प्रणायाम को अपनाकर आप अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं। योग किर्या में सबसे पहला नाम कपालभाती का आता है यह एक ऐसा आसन है जिसके द्वारा सभी योगासनों का फायदा मिलता है। ‘कपाल’ का अर्थ है खोपड़ी (सिर) तथा भाति का अर्थ है चमकना। चूंकि इस क्रिया से सिर चमकदार बनता है अतः इसे कपालभाति कहते हैं। कपालभाति एक ऐसी सांस की प्रक्रिया है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करती है। इसलिए इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप अपने आप को  निरोग रख सकते हैं।

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आइये जानते हैं कपालभाती यग से होने वाले लाभों के बारे में :

  • इस प्रकिर्या में सांस तो स्वतः ही ले ली जाती है किंतु उसे छोड़ा पूरे बल के साथ जाता है। जिसकी वजह से यह निष्क्रिय पड़े उन मस्तिष्क केंद्रों को जागृत करता है जो सूक्ष्म ज्ञान के लिए उत्तरदायी होते हैं। अतः कपालभाति समूचे मस्तिष्क को तेजी प्रदान करता है।
  • कपालभाति प्राणायाम के दौरान आपके शरीर से 80% विषैले तत्त्व बाहर जाती साँस के साथ निकल जाते हैं। जिससे शरीर के सभी अंग विषैले तत्व से मुक्त हो जाते हैं।
  • कपालभाति को नियमित रूप से करने पर वजन घटता है और मोटापा में बहुत हद तक फर्क देखा जा सकता है।
  • इसके अभ्यास से त्वचा में चमकदार दिखती है।
  • इसके नियमित अभ्यास से अस्थमा को बहुत हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
  • कपालभाति से श्वसन मार्ग के अवरोध दूर होते हैं तथा इसकी अशुद्धियां एवं बलगम की अधिकता दूर होती है।
  • यह उदर में तंत्रिकाओं को सक्रिय करके पाचन क्रिया को सुधारती है।
  • यह फेफड़ों की क्षमता में वृद्धि करती है।
  • माथे के क्षेत्र में यह विशेष प्रकार की जागरुकता उत्पन्न करती है तथा भ्रूमध्य दृष्टि के प्रभावों को बढ़ाती है।
  • नाड़ियों का शुद्धिकरण करता है।
  • मस्तिष्क और तांत्रिक तंत्र को ऊर्जान्वित कर मन को शांत करता है।

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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी