पुरुषों में हस्तमैथुन से होने वाले दुष्प्रभाव

by Mahima
masturbation in men

हस्तमैथुन (मास्टरबेशन) पुरुषों में यौन अवस्था की एक सामान्य प्रक्रिया है परन्तु  हमारे समाज में हस्तमैथुनको ले कर लोगों के बीच में तर्क वितर्क चलता ही रहता है, जैसे क्‍या इसे करना ठीक है? क्‍या टीनेज में ऐसा क को लेकर बहुत सी भ्रातियां है जैसे कि हस्तमैथुन द्वारा शरीरिक और यौन कमजोरी आती है। हस्‍तमैथुन रने से विकास रूक सकता है? क्‍या इसे करने से शरीर को नुकसान पहुंचता है? या यह शरीर के लिए  फायदेमंद है ?

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वास्तव में देखा जाये तो  हस्तमैथुन के कुछ फायदे हैं और कुछ नुकसान परन्तु अति किसी भी चीज की सही नहीं होती है। इस आर्टिकिल द्वारा हमारा उद्देश्य पुरुषों के मन में हस्तमैथुन को लेकर उत्पन्न होने वाली जिज्ञासा को कम करना है साथ ही इससे शरीर पर होने  वाले हानिकारक प्रभाव के बारे में अवगत करना है।

आइये जानते हैं कि हस्तमैथुन से क्या क्या नुकसान हो सकते हैं :

  • नियमित रूप से कई बार हस्‍तमैथुन करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्‍या कम होने लगती है। जो उनको पिता बनने की सुख से वंचित रख सकती है।
  • नियमित रूप से हस्‍तमैथुन करने से पुरुषों में संतुष्‍ट होने का समय कम या बढ़ जाता है। जो आपके लिए कभी कभी कस्टदायक भी हो सकता है।
  • कई बार हस्तमैथुन करते समय पुरुष अंग पर दबाब पड़ने से  हानिकारक नतीजे सामने आते हैं  इससे ‘पायरोनी’ नाम की बीमारी भी हो सकती है। पायरोनी होने पर पुरुष अंग टेढ़ा  हो जाता है मांसपेशियों में तनाव होने की स्थिति में  टेढ़ापन आसानी से दीखता हैं।
  • कई बार हस्तमैथुन करने से पेनाइल फ्रेक्‍चर भी हो सकता है यानी पुरुष अंग  की मांसपेशियां टूट भी सकती हैं।
  • हस्‍तमैथुन की आदत से आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन रोग के शिकार हो सकते है। एक पुरुष के लिए इससे शर्मसार बात क्या हो सकती है की उसके अंग में उत्तेजना होना ही बंद हो जाए। अधिक  मात्रा में हस्तमैथुन करने से कई बार पुरुष अंग  के ऊतक में चोट पहुंच जाती है, जिसकी वजह से पुरुष अंग में उत्तेजना बढ़ाने वाले ऊतक नष्ट होने लगते है जिससे  व्यक्ति को उत्तेजना आना  बंद हो जाती है।

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नोट : ऐसी कोई दवा नहीं जो आपके मन को हस्तमैथुन करने से रोक पाएं। ऐसी अवस्था  में अपने आप पर आत्मविश्वास रखें और खासकर एकांत में अपने मन पर नियंत्रण रखें, कामुक विचारों से बचें व ज्ञानार्जन से संबंधित या सृजनात्मक कार्यों में अपने को व्यस्त करें ।

रिपोर्ट: डॉ.हिमानी