मधुमेह व हृदय रोग के बाद थायराइड बड़ी संख्या में होने वाले रोगों में से एक माना जाता है। पुरूषों के मुकाबले यह बीमारी महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। यदि इस बीमारी को अधिक गंभीरता से नहीं लिया जाता तो इस बीमारी के गंभीर परिणाम हो सकते है। अधिकतर इस बीमारी के लक्षण आयु बढऩे के साथ व रजोनिवृत्ति के समय ही पाए जाते हैं। इसी कारण से इस बीमारी के होने का पता नहीं चल पाता। थायराइड को साइलेंट किलर के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इसके लक्षण एकदम से नही दिखते है। थाइरॉइड हमारे शरीर में मौजूद ऐसी ग्रंथि है जो मेटाबॉलिज्म में मदद करती है। इसमें पाए जाने वाले हार्मोन टी3, टी4 और टीएसएच का स्तर अधिक या कम होने से ये समस्या होती है।
इसे भी पढ़ें: रिप्रोडक्टिव सिस्टम को रखना है दुरुस्त तो महिलाएं करें उचित मात्रा में कॉफी का सेवन
पुरुषों में थायरॉइड होने के लक्षण:
- बहुत जल्दी थक जाना, बिना बात के चिड़चिड़ापन होना, बेचैनी होना, तनावग्रस्त रहना और हमेशा मूड में बदलाव रहना जैसे लक्षण थायरॉइड के होने का संकेत हो सकते है।
- थाइरॉइड का सीधा असर हमारे मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है इसमें रोगी का भोजन बहुत जल्दी पच जाता है और बार-बार भूख लगती है। अक्सर इस स्थिति में कब्ज की दिक्कत होती है।
- हाइपरथाइरॉइड कि अवस्था में पुरुषो के मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द रहने कि समस्या रहती है।
- शरीर का मेटा़बॉलिज्म रेट काफी बढ़ जाता है जिससे पुरुषों को या तो बहुत अधिक पसीना या बहुत कम पसीना आता है और इसके साथ बहुत बेचैनी भी होती है।
- कभी कभी शरीर के कुछ हिस्सों में अधिक सूजन, जैसे चेहरे, आंखों, उंगलियों आदि की समस्या भी हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: ऐसा क्या करती है एक कप ब्लैक कॉफी जिम जाने से पहले पीने पर ? जानें यहां
महिलाओ में थायरॉइड होने के लक्षण :
- बालों का अधिक झड़ना, तवचा के रंग में बदलाव।
- कब्ज, पेट संबंधी समस्या, डायरिया आदि का रहना।
- मासिक अनियमता रहना और प्रजनन संबंधी बीमारीयो से झूझते रहना।
- परिवार में थायराइड या ऑटोइम्यून बीमारियों से जुड़ी बातों के इतिहास का होना।
- कॉलेस्ट्रॉल लेवल का अधिक होना।
- तनाव और बेचैनी का बढ़ना।
- खानपान में बिना कोई बदलाव किये बिना, वजन का बढ़ना।
- हमेशा थकान का अनुभव करना।
इसे भी पढ़ें: ऐसे रखें अपने नवजात शिशु का ध्यान
रिपोर्ट: डॉ. हिमानी