केक काटकर बैक्टीरिया को न दे दावत

by Mahima

इस आधुनिक युग में हर कोई अपनी छोटी छोटी खुशियों का इजहार केक काट कर करता है। बर्थडे हो या एनिवर्सरी केक काटकर  कर ही खुशियां मनाई जाती है। बिना केके काटें लोगो को अपनी खुशी अधूरी सी लगती है। इसलिये आजकल हर घर में केक काटने का चलन बहुत ही आम हो गया है। केक काटने से पहले उस पर कैंडल भी जलायी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कैंडल को बुझाने के लिये जो आप फूंक मारते हैं वह फूंक आपके शरीर के लिए कितनी हानिकारक हो सकती है? हाल में आई एक रिसर्च के अनुसार, केक पर लगी कैंडल को फुंक मारने पर केक बैक्टीरिया से भर जाता है। साउथ कैरोलिना की क्लेमसन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिको के अनुसार बर्थडे केक पर लगी कैन्डल्स को बुझाते समय केक पर हमारे मुँह से निकला हुआ थूक फैल जाता है, जिसके कारण केक पर 1,400% बैक्टीरिया बढ़ जाते है।

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इस रिसर्च पर शोध करने वाले डॉ डावसन और उनकी टीम को जब इस शोध का परिणाम पता चला तो उनकी टीम को बहुत ही हैरानी हुई और उनकी टीम ने इसे फूड सेफ्टी को लेकर एक चिंता का विषय भी बताया। रिसर्च के दौरान यह बात सामने आई कि जब हम केक के ऊपर लगी कैंडल बुझाते हैं, तब हमारे मुंह से निकलने वाला सैलाइवा केक तक पहुंच जाता है।  हमारे मुंह में पाए जाने वाले कई बैक्टीरिया पैथोजन के रूप में काम करते हैं और न्युमोनिया, हैजा, टीबी और खाद्य व जल जनित बीमारियों के कारण बनते हैं। स्ट्रेप्टोकोकस  नामक बैक्टीरिया छोटे संक्रमण जैसे गले की खराश से लेकर निमोनिया जैसी गंभीर बिमारियों का कारण बनते हैं।

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स्टेफाइलोकोकस या एस्चीरिकोचिया कोलाई नामक मुंह के बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण ही फूड प्वॉयजनिंग होती है। जब हम कैंडल बुझाते है तब हमारे मुंह से निकलने वाले सलाइवा के द्वारा यह बैक्टीरिया केक तक पहुंच कर तेजी से ग्रोथ करके अधिक मात्रा में केक पर बढ़ जाते हैं। डॉ डावसन ने सुझाव देते हुए बताया कि यदि हम केक पर कैंडल्स लगाना ही बंद कर दें तो इस समस्या से आसानी से निजात पाया जा सकता है। इंसानों का मुहं बैक्टीरिया से भरा होता है। हालांकि स्वस्थ व्यक्ति के मुहं के बैक्टीरिया हानिकारक नहीं होते हैं। डॉ डावसन ने सुझाव देते हुए कहा कि अगर कोई बीमार व्यक्ति कैंडल्स को बुझा रहा है तो केक खाना अवॉयड करना ही सही होगा।

रिपोर्ट : डॉ. हिमानी