रसोई घर के लिए वास्तु टिप्स

by Darshana Bhawsar
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रसोई किसी भी घर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। और हर घर में रसोई घर बनाया ही जाता है। इसके बिना घर, घर नहीं होता। जब रसोई घर इतना महत्वपूर्ण है तो उससे जुडी हर बात महत्वपूर्ण होगी ही। वास्तु विज्ञान और वास्तु शास्त्र के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। अगर नहीं भी जानते तो आज हम आपको इसके बारे पूरी जानकारी देंगे और साथ ही ये भी बताएँगे कि इसका क्या महत्व है और रसोई घर में इसका क्या महत्व है।

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  • क्या है वास्तु शास्त्र:

वास्तु का शाब्दिक अर्थ होता है निवासस्थल। वास्तु के कई सारे सिद्धांत होते हैं जो पाँच तत्वों से जुड़े होते हैं: आग, वायु, जल, पृथ्वी, आकाश। इनके बीच सामंजस्य स्थापित करने वाला शास्त्र ही वास्तु शास्त्र कहलाता हैं। जब इनका सामंजस्य करके व्यक्ति के जीवन में लाया जाता तब इसका सकारत्मक प्रभाव पड़ता है। वास्तु शास्त्र वैसे तो प्राचीन विद्याओं में से एक है लेकिन अब इसका प्रयोग बहुत अधिक होने लगा है। अब जब भी कोई व्यक्ति घर बनाता है तो वह वास्तु के अनुसार उसे बनवाना चाहता है। लेकिन अभी भी कुछ ऐसी जगह हैं जहाँ लोग वास्तु शास्त्र के लिए जागरूक नहीं है। लेकिन फिर भी अधिकतर लोग वास्तु शास्त्र का प्रयोग भवन निर्माण जैसे कार्यों के लिए करने लगे हैं। जिसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। वैसे वास्तु के अनुसार ही भवन निर्माण और कार्य होना चाहिए। यह कोई जादू या टोटका नहीं है यह सिर्फ एक प्रकार का विज्ञान है।

  • वास्तु शास्त्र का महत्व:

वास्तु शास्त्र का असर स्थाई नहीं होता है लेकिन असरकार जरूर होता है। यह अस्थाई इसलिए नहीं होता क्योंकि पृथ्वी घूमती है और कई ग्रह पृथ्वी के आस पास होते हैं और कई बार ये भी पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। वैसे वास्तु शास्त्र का असर सीधा व्यक्ति के जीवन में देखने के लिए मिलता है। पृथ्वी पर भी कई चुंबकीय शक्ति है और पृथ्वी के बहार कई चुंबकीय ग्रह। यह एक ऐसी विद्या है जिसके द्वारा जीवन को व्यवस्थित करना संभव है। घर की दिशा के द्वारा, घर में रखी हुई चीज़ों के द्वारा जीवन को व्यवस्थित करने का तरीका सिर्फ वास्तु शास्त्र में ही दिया हुआ है। इसलिए वास्तु शास्त्र का बहुत महत्व है।

  • रसोई घर के लिए वास्तु टिप्स:

अब बात करते हैं कि रसोई घर के लिए वास्तु टिप्स क्या हैं। क्या वास्तु शास्त्र का रसोई घर के लिए भी महत्व है। तो जी हाँ वास्तु शास्त्र का रसोई घर के लिए भी विशेष स्थान है। और रसोई घर भी वास्तु के अनुसार ही बनवाना चाहिए जिससे भोजन में भी सकारात्मक ऊर्जा रहे।

  • रसोई घर की दिशा:

वास्तु के अनुसार रसोई घर के लिए भी दिशा निर्धारण किया गया है। माना जाता है अगर रसोई घर आग्नेय कोण में बनाया जाता है तो बहुत ही ज्यादा सकारात्मक प्रभाव इसका होता है। इससे धन धन्य की कभी भी घर में कमी नहीं होती और परिवार में सभी का स्वस्थ्य उत्तम बना रहता है। अगर आग्नेय कोण में रसोई घर नहीं बना हुआ है तो वास्तु दोष को दूर करने के लिए आप नीचे बताये गए उपाय कर सकते हैं:

  • अगर दक्षिण-पूर्व दिशा में रसोई घर नहीं बनाया गया है तो रसोई का उत्तर-पूर्व मतलब ईशान कोण को साफ़ कर लीजिये और वहाँ सिंदूरी गणेश जी का चित्र लगा लीजिये।
  • इसके अलावा आप यज्ञ करते हुए ऋषियों का चित्र रसोई घर की किसी भी दिशा में लगा लीजिये। इससे भी वास्तु दोष ख़त्म हो जायेगा।
  • गैस का चूल्हा हमेशा आग्नेय कोण में होना चाहिए और प्लेटफॉर्म ऐसे बना होना चाहिए जिससे वह पूर्व या दक्षिण दिशा को घेरे।
  • भोजन पकाते समय हमेशा आपका मुख पूर्व की तरफ होना चाहिए। कभी भी उत्तर व दक्षिण कि तरफ मुँह करके भोजन नहीं पकाना चाहिए। इससे घर में सुख समृद्धि नहीं रहती।

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  • रसोई घर में किस दिशा में क्या रखें:

रसोई घर में जब चीज़ व्यवस्थित हो तो अच्छी लगती है और एक सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। वैसे वास्तु के अनुसार रसोई घर में हर चीज़ रखने के लिए एक दिशा निर्धारित की गई है। उसी अनुसार अगर चीज़ों को रखा जाये तो स्वास्थ्य भी उम्दा रहेगा साथ ही साथ घर भी धन धन्य से परिपूर्ण रहेगा।

  • पानी और आग को कभी भी रसोई घर में आस पास नहीं रखना चाहिए।
  • दक्षिण-पूर्व दिशा में ही गैस चूल्हा होना चाहिए।
  • जब भी आप भोजन करो और रसोई में भोजन करो तब एक बात का ध्यान रखें कि आपका मुँह मुख उत्तर-पूर्व दिशा में ही होना चाहिए।
  • यदि रसोई में डाइनिंग टेबल है तो वह दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए और यदि दैनिक कि व्यवस्था लग से रूम में कि गयी है तो वह डाइनिंग हाल में पश्चिम या पूर्व दिशा में हो।
  • माइक्रोवेव, मिक्सर या अन्य धातु उपकरण के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा को चुनना चाहिए एवं रेफ्रिजरेटर या फ्रीज के लिए उत्तर-पश्चिम को चुनना चाहिए।
  • रसोई के नैऋत्य कोण में झाडू, पौंछा या सफाई का सामान रख सकते हैं।
  • डस्टबिन को कभी भी रसोई घर में नहीं रखना चाहिए।
  • रसोई घर कैसा होना चाहिए:

वास्तु के अनुसार यहाँ हम कुछ बातें जानेंगे कि रसोई घर कैसा होना चाहिए। वैसे तो कई प्रकार से रसोई घर को बनाया जा सकता है लेकिन नीचे दिए गए टिप्स पर विशेष ध्यान दीजिये।

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  • रसोई घर चौकोर होना चाहिए और रसोई घर में हमेशा रौशनी आना चाहिए।
  • रसोई घर की दीवारों और फर्श का रंग सफ़ेद, पीला या फिर नारंगी रखना चाहिए।
  • रसोई घर की पूर्व दिशा में खिड़की और रोशनदान होना चाहिए।
  • जान हमेशा ईशान कोण में ही रखना चाहिए।
  • रसोई घर में  कभी पूजा का स्थान नहीं बनाना चाहिए।
  • रसोई घर के पास कभी भी बाथरूम नहीं बनाना चाहिए।
  • रसोइघर में कभी भी टूटा हुआ सामान या वर्तन नहीं रखने चाहिए।
  • सिंक और चूल्हा कभी भी एक ही प्लेटफार्म न हो साथ ही खिड़की के बिल्कुल सामने या नीचे चूल्हा नहीं होना चाहिए।
  • चूल्हे के ऊपर कभी भी शेल्फ नहीं होना चाहिए।
  • रसोई घर के बर्तन ऐसे होना चाहिए:
  • स्टील और लोहे के बर्तन की जगह पीतल, तांबे, कांसे और चांदी के बर्तन उपयोग करना चाहिए इनसे बरक्कत बनी रहती है। पुराने समय में पीतल, तांबे, कांसे और चांदी के बर्तन ही प्रयोग किये जाते थे।
  • खाना पकाने के लिए लोहे का बर्तन प्रयोग करना चाहिए लेकिन खाना खाने के लिए नहीं।
  • टूटे हुए बर्तन कभी भी रसोई में न रखें।
  • पानी के लिए तांबे के पात्र का उपयोग करना चाहिए।
  • रसोई में कभी भी प्लास्टिक के बर्तन नहीं होना चाहिए। वैज्ञानिक दृष्टि से भी प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • जर्मन या एल्यूमीनियम के बर्तन में खाना नहीं बनाना चाहिए इनसे चर्म रोग होने की सम्भावना होती है।
  • रसोई घर के नियम:
  • रसोई घर में सुंदर फलों और सब्जियों वाले चित्र लगाना चाहिए और अन्नपूर्णा माता का भी चित्र लगाना शुभ होता है।
  • कभी भी चींटियों-कॉकरोचों, चुहे और मकड़ी को अनदेखा नहीं करना चाहिए। ये सुख समृद्धि को नष्ट करते हैं।
  • जब भी भोजन करें तीन कोर निकाल कर रख दें और जल छोड़कर ही भोजन करके उठें।
  • रात्रि में कभी भी झूठे बर्तन नहीं छोड़ना चाहिए एवं रसोई घर साफ़ करके सोना चाहिए।
  • रोटी का बर्तन कभी भी खाली नहीं छोड़ना चाहिए।
  • किचन में कभी भी नल से पानी नहीं टपकना चाहिए।

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ये वास्तु के अनुसार रसोई घर के लिए वास्तु टिप्स हैं जिनका पालन करना चाहिए। इनसे घर में धन धान्य हमेशा भरा रहता है।