कैंसर से अधिक खतरनाक हो सकती है कीमोथेरेपी

by Mahima
disadvantage of chemotherapy

शोधों द्वारा यह बात सामने आई है की पुरे संसार में लगभग १०० प्रकार के कैंसर होते हैं विभिन्न  मरीजों में विभिन्न प्रकार की कैंसर कोशिकाएं पाई जाती हैं। अतः विभिन्न मरीजों के लिए अलग अलग प्रकार की कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है। कीमोथेरेपी के द्वारा उन खतरनाक कैंसर सेल्सग को काबू में किया जाता है जो कैंसर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परन्तु कीमोथेरेपी के दौरान प्रयोग की जाने वाली दवाओं का अतिरिक्त प्रभाव भी रोगी पर हो सकता है। दुर्भाग्यवश कैंसर के इलाज के लिए उपयोग में लाई जाने वाली कीमोथेरेपी के एजेंट्स कैंसर के सेल्स के लिए निश्चित नहीं होते हैं। जब कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है तब इलाज के  दौरान कैंसर को बढ़ाने वाले सेल्स नष्ट हो जाते हैं। परन्तु इन कैंसर ग्रसित कोशिकाओं के साथ-साथ कुछ स्वस्थ कोशिकाएं भी कैंसर के इलाज में भेंट चढ़ जाती हैं। इसलिए कीमोथेरेपी का इलाज कई दिन, हफ़्तों और कई बार महीनों तक चलता है ताकि इस दौरान स्वस्थ कोशिकाओं को दोबारा बढ़ने का मौका मिलता रहे जिससे शरीर को इस प्रक्रिया के दौरान कोई बड़ी हानि ना हो।

इसे भी पढ़ें: सर्वाइकल कैंसर और इसके प्रमुख कारण

 आइये जानते हैं कीमोथेरेपी से होने वाले अन्य नुकसानों के बारे में :

  • शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कम हो जाती है।
  • कीमोथेरेपी से आँखे कमजोर हो जाती हैं ।
  • गैस और आंतों की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • कीमोथेरेपी के दौरान रोगी में मतली, उल्टी आना, भूख कम लगना, कब्ज़ और दस्त जैसी शिकायतें उत्पन्न हो सकती हैं।
  • बुखार और शरीर में थकान रहने लगता है।
  • बालों का बहुत अधिक मात्रा में झड़ना शुरू हो जाता है कभी कभी तो पुरे बाल ही झड़ जातें हैं।
  • कीमोथेरेपी के कारण ब्लडड में इन्फेक्शन होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है। जिससे रोगी एलर्जिक‍ हो जाता है।
  • हाथों और पैरों में झुनझुनी होना, ब्लैडर से खून का निकलना आदि जैसी समस्यां हो सकती हैं।
  • शरीर में खून की कमी हो सकती हैं।
  • मुंह में छाले रहने की शिकायत हो सकती है।
  • कीमोथेरेपी के बाद कैंसर के दोबारा होने का ख़तरा हो सकता है।
  • बांझपन की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।

इसे भी पढ़ें: अब इस तरह संभव होगा कैंसर का इलाज

रिपोर्ट: डॉ.हिमानी