नियमित व्यायाम से होने वाले मनोविज्ञानिक फायदे :

by Dr. Himani Singh
नियमित व्यायाम

हमारा शरीर एक मशीन की तरह काम करता है । जिस प्रकार काफी समय तक मशीन को काम में न लाया जाये तो वह जाम हो जाती है उसी प्रकार हमारे शरीर को भी सही प्रकार से काम में न लाया जाये तो वह भी सही प्रकार सेसंचालित नहीं रह पाता है। जिस प्रकार मशीनों को सही रखने के लिए उनको निरन्तर चलाने और उसमें समय समय पर ऑइलिंग की आवश्कता होती है उसी प्रकार हमारे शरीर को भी संचालित रखने के लिए उचित पोषण और व्यायम की आवश्कता होती है। स्वास्थ्य संस्थानों का कहना है कि लोगों को प्रत्येक सप्ताह लगभग 150 मिनट का मध्यम या 75 मिनट का गहन एरोबिक व्यायाम करना आवश्यकता होता है। मध्यम व्यायाम तेज चलना या बागवानी करना हो सकता है, जबकि गहन व्यायाम में तेज साइकिलिंग करना, तेज दौड़ना , टेनिस या अन्य किसी प्रकार का दौड़ने वाला खेल शामिल हो सकते हैं। आइये जानते हैं निरंतर व्यायम करने से हमको किस प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं :

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 मूड को बेहतर बनाये रखता है :

व्यायाम करने पर हमारे मष्तिष्क में एंडोर्फिन नामक हारमोंस रिलीस होता है, जो हमारे मूड को अच्छा बनाने में मददगार होता हैं| जिससे हम तरोताजा महसूस करते हैं साथ ही हमारे अंदर पाजिटिविटी बानी रहती है|

 मैमोरी बढ़ाता है :

नियमित व्यायाम विशेष रूप से ब्रेन के स्मरण शक्ति के एरिया के नयूरोंस को ठीक आकृति में रहने में सहायता करता है, जिससे व्यक्ति की याददास्त अच्छी बानी रहती है।

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 वजन को नियंत्रित करता है:

व्यायाम अतिरिक्त वजन को कम करने में मददगार होता है। जब आप शारीरिक गतिविधि में संलग्न होते हैं, तो आप अपनी कैलोरी जलाते हैं। गतिविधि जितनी अधिक तीव्र होती है , उतनी ही अधिक कैलोरी बर्न होती है । जिम में नियमित रूप से व्यायाम करना वजन कम करने का बहुत अच्छा विकल्प होता है, परन्तु यदि आप जिम नहीं जा पाते हैं तो अपनी दिनचर्या में कुछ लाभदायक गतिविधियों को अपनाकर भी वजन नियत्रित रख सकते हैं जैसे कि लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करना ,आसपास जाने के लिए कार की वजाय पैदल चलना आदि। नियमित शारीरिक गतिविधि में संलग्न होने से आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ सकता है। यह लगातार थकान वाले लोगों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों में भी सच है।

 अनेक रोगों के जोखिम को कम करता है:

हमारे शरीर में नियमित शारीरिक गतिविधि का अभाव बिमारियों को बढ़ावा देने का प्रमुख कारण माना जाता है। इंसुलिन संवेदनशीलता, हृदय की फिटनेस, शरीर की संरचना में सुधार,रक्तचाप को नियत्रित और वसा को कम करने, के लिए नियमित व्यायाम का बहुत अधिक सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। इसके विपरीत, नियमित व्यायाम न करने के कारण या बहुत कम व्यायाम करने के कारण पेट की चर्बी में उल्लेखनीय वृद्धि होने की सम्भावना रहती है, जिससे टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और प्रारंभिक मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, पेट की चर्बी को कम करने और इन रोगों के विकास के जोखिम को कम करने के लिए दैनिक शारीरिक गतिविधि बहुत ही आवश्यक होती है।

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 हड्डियों को मजबूत करता है :

जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारी हड्डियों के खनिज में कमी आती जाती है। हमारी हड्डीयों में प्रति वर्ष 1 प्रतिशत की हानि होती है इससे आप अनुमान लगा सकते हैं कि हमारे शरीर की हड्डियाँ कितनी जल्दी पतली हो जाती हैं। वही नियमित व्यायाम आपकी हडियों की ताकत को बरकरार रखने की प्रमुख कुंजी है,जिसमें प्रतिरोध प्रशिक्षण जैसे व्यायाम शामिल होते हैं। प्रतिरोध प्रशिक्षण की मात्रा आपकी उम्र और शारीरिक शक्ति के अनुसार अलग-अलग होती है।