क्यों जरूरी है डेंटल हेल्थ की ओर ध्यान देना

by Mahima
dental health

मुस्कुराता चेहरा किसे अच्छा नहीं लगता है और यदि आपके दांत स्वस्थ और सुव्यवस्थित  हो तो यह आपकी मुस्कुराहट में और चार चाँद लगा देते हैं। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए मसूड़ों का स्वस्थ होना अत्यंत आवश्यक होता है। अधिकांशतः देखा गया है की लोग डेंटन से जुडी समस्याओं की तरफ अधिक ध्यान नहीं देते हैं जिसकी वजह से उनको दांतों तथा मसूड़ों से जुडी समस्यों से जूझना पड़ता है।

इसे भी पढ़ें: इन आसान नुस्खों को अपनाकर पाएं मोती से चमकदार दांत

आकड़ों के अनुसार भारत में  लगभग 90 फीसदी लोग मसूढ़ों से जुडी समस्याओं के शिकार हैं । इसका कारण यह माना गया है कि लगभग 50 फीसदी लोग टूथब्रश का प्रयोग नहीं करते, जिसकी वजह से लगभग 15 साल से कम उम्र के 70 फीसदी बच्चों में दांत खराब होने के परिणाम सामने आये हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार इसका मुख्य कारण यह है कि भारतीय लोग दांतों और मसूढ़ों की नियमित देखभाल नहीं करते हैं और इनसे जुडी समस्या होने पर नियमित रूप से दंत चिकित्सक के पास जाने कि  बजाय, खुद अपने आप ही उपचार करने पर अधिक जोर देते  है।

इसे भी पढ़ें: अक्ल दांत के दर्द से कैसे पाएं छुटकारा, पढ़ें यहां

डॉक्टर्स का कहना है की दांतों और मसूढ़ों कि समस्या का सीधा सम्बन्ध तनाव से होता है तनाव के चलते अधिकांश लोग मदिरापान और धूम्रपान अधिक करने लगते है जिसके चलते दांतों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। शहरों में जंक फूड का अधिक प्रयोग और जीवनशैली अनियमित होना दांतो में समस्याएं उत्पन्न होने  का प्रुमख कारण बन जाती हैं। दूसरी तरफ देखा गया है की, बहुत छोटे बच्चों में भी दांतों की समस्याएं बहुत ही आम हो गयी हैं। अधिकाशतः देखा गया है कि दूध बोतल से पीने वाले शिशुओं के आगे के चार दांत अक्सर खराब हो जाते हैं। इससे बचने के लिए माताओं को हर फीड के बाद एक साफ कपड़े से शिशुओं के मसूढ़ों और दांत को अच्छे से पोछना चाहिए, क्योकि यदि ध्यान नहीं दिया जाये तो ऐसे में बच्चों के दांतों में संक्रमण हो सकता है, जिसके चलते हृदय संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

किसी भी प्रकार का दंत रोग, दांतों में दर्द या ठण्डा या गर्म लगने की समस्या या फिर  कोई और  समस्या होने पर  तत्काल दंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

रिपोर्ट: डॉ.हिमानी