सूखे मेवों के सेवन का सही तरीका क्या होना चाहिए

by Mahima
dry fruits

ड्राई फ्रूट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जिससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। इनसे ना केवल पोषण मिलता हैं बल्कि आपकी सेहत भी लंबे समय तक सही रहती है। ड्राई फ्रूटस खाने से  शरीर का मेटाबोल्जिम अच्‍छा बना रहता है। इनके सेवन  से शरीर को  भरपूर ऊर्जा प्राप्त होती है। सूखे मेवे में ताजे फलों की अपेक्षा अधिक पौष्टिक मूल्य होते हैं। उनमें जरूरी  विटामिन और खनिज होते हैं जो कई प्रकार की बीमारियों से लड़ते हैं, यहां तक ​​कि कई पुरानी बीमारियों को भी खत्म करने का भी गुण रखती हैं। प्रोटीन से भरपूर सूखे मेवों में फाइबर, फाइटो न्यूट्रियंट्स एवं एंटी ऑक्सीडेंट्स जैसे विटामिन E एवं सेलेनियम बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। बादाम,काजू,किशमिश,खजूर,अखरोट,खुबानी और पिस्ता को सूखे  मेवों की श्रेणी में रखा गया है।

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अक्सर हम देखते हैं कि कुछ लोग मेवों को खाने से पहले पानी में भिगो कर रख देते हैं और कुछ देर बाद या फिर दूसरे दिन इसका सेवन करते हैं। अनाज की ही भांति इनमें फेटिक एसिड पाया जाता है, जो कि मेवों को  काफी दिनों तक खराब नहीं होने देता है। यदि मेवे को बिना भिगोए खाया जाए तो इसमें उपस्थित फेटिक एसिड इन मेवों को ठीक से पचने नहीं देता है। अतः मेवे को खाने से पहले कुछ देर तक पानी में डाल कर रख दिया जाये तो इनमें उपस्थित फेटिक एसिड निकल जाता है और अन्य मौजूदा एंजाइम बेअसर हो जाते हैं, जिससे वह आसानी से हमारे शरीर में पच जाते है।

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ऐसा करने से मेवे में उपस्थित सभी प्रकार के विटामिन और पोषक तत्व हमारे शरीर द्वारा आसानी से ग्रहण कर लिए जाते हैं और यदि मेवे को हल्के गरम पानी में भिगो कर खाया जाये तो इसके छिलके आसानी से उतर जाते हैं और हमारे शरीर द्वारा और भी आसानी से ग्रहण कर लिए जाते हैं। इसके साथ ही यदि मेवों को नमक के पानी में भिगोया जाये तो उसमें उपस्थित एंजाइम बेअसर हो जाते हैं और हमारे शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। इसके साथ ही जिस पानी में आप मेवों को भिगोयें, उसका प्रयोग खाना बनाते समय नहीं करना चाहिये, क्योंकि इसमें घातक पदार्थ हो सकते हैं।

रिपोर्ट: डॉ.हिमानी