दही, योगर्ट और प्रोबायोटिक योगर्ट के बीच में क्या है अंतर

by Mahima

अधिकांश लोग इस गलतफहमी का शिकार होते हैं की दही,योगर्ट और प्रोबायोटिक योगर्ट एक ही प्रकार की खाद्य सामग्री होती है परन्तु ऐसा नहीं है, यह सभी अलग-अलग उत्पाद होते हैं। परन्तु इनके स्वाद काफी हद तक मिलते-जुलते हैं।
आइये जानते है कि एक ही जैसे दिखने वाले इन आहारों में क्या अंतर होता है:

इसे भी पढ़ें: सर्दियों में बाजरे के सेवन से होते हैं ये लाभ

क्‍या है दही:

दही को दूध के जीवाण्विक किण्वन के द्वारा तैयार किया जाता है। इसका मतलब यह है कि दूध को जमाने के लिये दूध में एसिडिक कर्डलिंग एजेंट को डाला जाता है। दही बनाने के लिये दूध को 30-40°C तक उबाल कर इसे हल्का गुनगुना करके इसमें एक चम्‍मच दही डाली जाती है। जब दूध में दही के द्वारा लैक्टिक अम्ल जीवाणु पहुंच कर कुछ ही घंटों में तेजी के साथ बढ़ कर पूरे दूध को जमा देते हैं, तब दही बन कर तैयार होती है।

इसे भी पढ़ें: किशमिश का पानी पीने से होने वाले स्वास्थ लाभ

क्‍या है योगर्ट:

योगर्ट को भी दही की तरह तैयार किया जाता है, परन्तु इसको जमाने के लिये इसमें दो प्रकार के का प्रयोग किया जाता है। इन दोनों बैक्टीरिया के प्रयोग से यह सुनिश्चित हो जाता है कि योगर्ट गुणवत्‍ता में बहुत ही अच्‍छा है, क्योकि इसमें सही मात्रा में बैक्‍टीरिया उपस्थित होते है। यह अच्‍छे बैक्‍टीरिया हमारी आंत तक पहुंच कर हमारे पेट को सही रखते हैं।

इसे भी पढ़ें: सर्दी जुकाम से हैं परेशान तो अपनाएं ये आसान घरेलु उपाए

प्रोबायोटिक योगर्ट:

प्रोबायोटिक योगर्ट में प्रोबायोटिक्स जिंदा सूक्ष्मजीव (लैक्टोबेसिलस कैसेइ, लैक्टोबेसिलस पैराकैसेइ, लैक्टोबेसिलस ऎसिडोफिलस और बायफिडोबैक्टेरियम लोंगम) जैसे अच्छे बैक्टीरिया उचित मात्रा में होते हैं, जो कि उपभोक्‍ता को बहुत अधिक स्‍वास्‍थ्‍य लाभ पहुंचाते हैं। यदि किसी खाने के प्रोडक्‍ट में प्रोबायोटिक्‍स उपस्थित होता है तो, इसका मतलब यह है कि वह गैस्ट्रिक एसिड, पित्त और अग्नाशय के रस के लिए प्रतिरोधी है जो कि हमारी आंत में जिंदा पहुंच कर हमको बहुत से स्‍वास्‍थ लाभ प्दान करता है।
अतः हम इस प्रकार कह सकते है कि इन तीनो उत्पादों में प्रोबायोटिक योगर्ट, योगर्ट और दही कि तुलना में सबसे अच्छा उत्पाद प्रोबायोटिक योगर्ट है, क्योकि इसमें इन सभी उत्पादों कि अपेछा उचित मात्रा में अच्छे बैक्टीयरिया उपस्थित होते है।

रिपोर्ट: डॉ.हिमानी