वैज्ञानिक दृष्टि से कान छिदवाने के क्या है फायदे

by Mahima
ear piercing

वैसे तो हर कोई कान छिदवाने को फैशन में लेता है। हर कोई जानता है कि लोग कान फैशन के चलते या हमारी पुरानी प्रथा के चलते छिदवाते है। क्योकि कान छिदवाने का प्रचलन हमारी पुरानी पीढ़ियों से ही चला आ रहा है, परन्तु बहुत ही कम लोग यह बात जानते है कि कान केवन फैशन के लिए नहीं छिदवाये जाते है, बल्कि इससे जुड़े अनेक स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी हैं।

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आइये जानते है कि कान छिदवाने से क्या स्वास्थ लाभ होते है :

  • कान के निचले भाग में उपस्थित एक प्वाइंट होता है, जो मस्तिष्क के बाएं और दाएं दोनों गोलार्द्ध से जुड़ा होता है। जब इस प्‍वाइंट पर छेद किया जाता है, तब यह दिमाग के हिस्‍से को एक्‍टिव बनाता हैं। इसलिये जब बच्‍चे का दिमाग बढ रहा हो, तब उसी समय कान छिदवा देने चाहिये।
  • कानों के जिस हिस्से में छेद किए जाते हैं वह आंखों की नसों से जुड़ा हुआ होता है। इसके कारण एक्यूपंक्चर की दृष्टि से इस बिंदु के दबते ही आंखों की रोशनी में सुधार होने लगता है।
  • पहले जमाने में बच्चों को गुरुकुल भेजने से पहले से बेहतर ज्ञान अर्जित करवाने के लिए उसके कान छेदने की प्रथा थी। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि कान छिदवाने से मस्तिष्क की पावर बढ़ती जिसे एकाग्रता में वृद्धि होने में सहायक होती है।
  • कानों में जिस जगह छेद किया जाता है, वहां एक प्‍वाइंट होता है जो व्यक्ति को साफ सुनने में मदद करता है।
  • कान में छेद वाली जगह पर ऐसा प्‍वाइंट पाया जाता है, जो भूख लगने को प्रेरित करता है, अतः कान में छेद करने पर हमारी पाचन क्रिया दुरुस्‍त होती है। जिसकी वजह से मोटापा कम हो सकता है।
  • एक्यूपंक्चर के अनुसार जब कान छेदे जाते है, तब उन केंद्र बिंदुओं पर दबाव पड़ने की वजह से ओसीडी (किसी बात को जरुरत से अधिक सोचना), घबराहट और अनेक प्रकार कि मानसिक बीमारी दूर होती है।
  • वैज्ञानिको के अनुसार यह माना जाता है, कि कान छिदवाने से लकवा नामक रोग से भी बचाव होता है।
  • कान के बीच की सबसे खास जगह जिसे प्रजनन के लिए उतरदाई माना जाता है, महिलाओं की अनियमित पीरियड्स की परेशानी को दूर करने में भी लाभकारी होता है।

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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी