क्या होते हैं साइनस के लक्षण और बचाव

by Mahima
symptoms of sinus

देखा जाये तो बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है। आम सर्दी-जुकाम कुछ दिन में सही हो जाता है परन्तु यदि यह लम्बे समय तक रहें तो यह साइनस हो सकता है। साइनस नाक में होने वाला एक रोग है। इस रोग में नाक की हड्डी बढ़ या तिरछी हो सकती है जो की सही प्रकार से सांस न लेने का कारण बन सकती है। यह बीमारी आम रूप से सर्दी के रूप में शुरू होती है और फिर एक बैक्टीरियल, वायरल या फंगल संक्रमण में बदल जाती है। जो व्यक्ति इस बीमारी से ग्रषित होता है उसे ठंडी हवा, धूल, धुआं आदि में परेशानी महसूस होती है।

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साइनस में  सिर में, गालों व ऊपर के जबड़े में दर्द की समस्या रहती है। साइनस हमारे मस्तिष्क में भरी हुई एक  कैविटी होती है। यह सांस द्वारा ली गई गंदगी को बाहर निकालती है और जब किसी कारण बलगम का निकलना बंद हो जाता है तो साइनोसाइटिस की समस्या का आरम्भ हो जाता है। इस समस्या में सूंघने की क्षमता कम हो जाती है और सांस लेने में तकलीफ का अनुभव होता है।

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आइये जानते है इसके लक्षण :

  • सिर में अधिकांशतः दर्द का बना रहना
  • अधिकाशतः तनाव ग्रषित रहना
  • चेहरे पर सूजन रहना
  • आवाज में बदलाव अनुभव करना
  • शरीर में बुखार का बने रहना
  • नाक का अधिकाशतः बहते रहना और नाक से पीला कफ निकलना
  • लम्बे समय तक खांसी का रहना
  • कफ के जमने से सीने में जलन होना
  • दांत में दर्द की समस्या रहना
  • साइनस की जगह दबाने पर दर्द महसूस होना

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बचाव:

  • तैराकी से बचें यदि मज़बूरी में तैराकी करनी पड़ें तो नाक को ढक लें।
  • प्रति दिन 8 से 10 गिलास पानी जरूर पीएं।
  • सुबह उठ कर गुनगुना पानी पियें इससे बलगम के प्रवाह में आसानी होगी ।
  • अधिक खूशबूदार परफ्यूम, पाउडर तथा क्रीम आदि से परहेज रखें।
  • जुकाम या वायरल इंफेक्शन से ग्रषित लोगो से दूरी बना कर रखें।
  • एलर्जी से वचाव के लिए अपने तकियों और बिस्तरों की नियमित सफाई करें।
  • वायु प्रदूषण से बचने का प्रयास करें।
  • तापमान में अचानक आने वाले बदलाव से अपने आपको बचाएँ।
  • तनाव से दूर रहें। तनाव के कारण सफेद कोशिकाएं जो शरीर की रक्षा करती हैं, कमजोर पड़ जाती हैं।
  • हाइजिन का खास ख्याल रखें। कुछ भी खाने से पहले अपने हाथों को हमेशा साबुन से साफ करें।
  • सुबह-सुबह ताजी हवा लें।

रिपोर्ट: डॉ.हिमानी