वैजाइनल इनफेक्शन कितनी तरह के होते हैं और कैसे पहचानें इन्हें

by Darshana Bhawsar
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वैजाइनल इनफेक्शन की अगर बात करें तो यह महिलाओं की आम परेशानी है जिसके कई कारण होते हैं और इसके कारण महिलाओं को कई प्रकार से दर्द और तकलीफ का सामना करना पड़ता  है। तो हम यहाँ जानेंगे कि वैजाइनल इनफेक्शन कितनी तरह के होते हैं उन्हें कैसे पहचाना जा सकता है। कुछ महिलाएँ वैजाइनल इनफेक्शन को नज़रअंदाज कर देती हैं लेकिन यह खतरनाक हो सकता है इससे कई अन्य बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

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वैजाइनल इनफेक्शन कितनी तरह के होते हैं और कैसे पहचानें इन्हें:

  1. यीस्ट इनफेक्शन
  2. बैक्टीरियल वैजिनॉसिस
  3. ट्रायकोमोनियासिस
  4. क्लैमिडिया
  5. गोनोरिया
  6. नॉन-इनफेक्शियस वैजिनाइटिस

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यीस्ट इनफेक्शन:

यह आम तौर पर होने वाला वैजाइनल इनफेक्शन है यह फंगस कैंडिडा के कारण हो जाता है डॉक्टर का मानना है कि कई तरह के फंगस के कारण यह वैजाइनल इनफेक्शन उत्पन्न होता है। यह हार्मोन्स गड़बड़ होने के कारण होता है। जिन्हें मधुमेह होता है या जो HIV पॉजिटिव होते हैं उन्हें इस वैजाइनल इनफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है।

बैक्टीरियल वैजिनॉसिस

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बैक्टीरियल वैजिनॉसिस:

कैंडिडा जैसे अन्य कई फंगस शरीर में रहते हैं। खासतौर पर वैजाइना वाले हिस्से में इसलिए इस हिस्से में इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। जब लैक्टोबैसिलाई  की संख्या कम हो जाती है तो बैक्टीरियल वैजिनॉसिस जैसी स्थिति उत्त्पन्न होती है। इसके साथ ही गार्डनेरेला बैक्टीरिया की बढ़ोत्तरी हो जाती है। यह एक प्रकार का वैजाइनल इनफेक्शन है। इसमें वैजाइना से सफ़ेद पारदर्शी पदार्थ निकलता है।

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ट्रायकोमोनियासिस:

यह इन्फेक्शन अक्सर महिलाओं को परेशान करता है। इसे ट्रायकोमोनास वैजनाइटिस भी कहा जाता है। यह इन्फेक्शन सेक्स के कारण उत्पन्न होता है इसलिए यह बाकी इन्फेक्शन से थोडा अलग है। यह सेक्स पार्टनर के द्वारा महिलाओं के शरीर में ट्रान्सफर होता है। इससे वैजाइना में सूजन, जलन और वल्वा में जलन उत्पन्न हो सकती है।

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क्लैमिडिया:

यह भी एक प्रकार का सेक्शुएली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन है। इसके कारण वजैइना में इनफ्लेमेशन होना संभव है। इस इन्फेक्शन के कारण महिलाओं को वैजाइनल डिस्चार्ज की समस्या होती है। इसकी वजह से महिलाओं को पीरियड्स के अलावा भी ब्लडिंग हो सकती है। और सेक्स के बाद भी ब्लडिंग हो सकती है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि 26 साल की उम्र की महिलाओं को क्लैमिडिया  का टेस्ट साल में एक बार जरुर करवाना चाहिए।

क्लैमिडिया

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गोनोरिया:

यह भी एक प्रकार का सेक्शुएली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन होता है शुरू में इसके कोई संकेत नहीं होते लेकिन पेशाब करने पर दर्द का अनुभव होता है साथ ही सेक्स के दौरान दर्द भी होता है और वैजाइनल डिस्चार्ज भी होता है। डॉक्टर का कहना है कि 10 दिनों के भीतर इसके संकेत समझ में आने लगते हैं। यह बिना प्रोटेक्शन के सेक्स करने के कारण उतपन्न होने वाला इन्फेक्शन है। जिन्हें गोनोरिया  इन्फेक्शन होता है उन्हें क्लैमिडिया  भी अक्सर होता है।

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नॉन-इनफेक्शियस वैजिनाइटिस:

इसे लोग इन्फेक्शन कहते हैं लेकिन इसे इन्फेक्शन कहना गलत होगा यह एक प्रकार का रिएक्शन या एलर्जी होती है। इससे वैजाइना  में तकलीफ होती है दर्द होता है जब पेड्स का प्रयोग किया जाता है तो त्वचा लाल हो जाती या किसी साबुन का प्रयोग करने पर स्किन लाल हो जाती है और वैजाइना  में खुजली और दर्द होने लगता है।

नॉन इनफेक्शियस वैजिनाइटिस

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तो अगर आपको इमें से कोई भी लक्षण वैजाइना  में दिखाई देते हैं तो इसका मतलब है कि आपको वैजाइनल इनफेक्शन है। इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह लें और इसका इलाज करवाएं जिससे अन्य बिमारियों से भी आप बच सकें।