तेरह सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन

by Darshana Bhawsar
Thirteen week pregnancy

तेरह सप्ताह की गर्भावस्था का समय और भी अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दौरान शिशु बिल्कुल मानव की तरह दिखाई देने लगता है। साथ ही साथ इस दौरान माता के शरीर में भी कई प्रकार के शारीरिक उभार भी आते हैं जैसे पेट और स्तन में उभार आने लगते हैं जिससे यह पता लगाना आसान हो जाता है कि महिला गर्भवती है। यहाँ आज हम बात करने वाले हैं तेरह सप्ताह की गभ्वस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन के बारे में ये परिवर्तन शिशु और माता दोनों से ही सम्बंधित हैं।

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तेरह सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन:

शिशु का आकार:

तेरह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में शिशु का आकार, वजन सभी कुछ आता है। इस दौरान शिशु की लम्बाई मटर की फली जितनी होती है। शिशु लगभग 7.4 से. मी. लम्बा हो जाता है। इस दौरान शिशु का वजन 23 ग्राम के लगभग होता है। इस दौरान शिशु की उँगलियाँ पूर्ण रूप से विकसित हो जाती है साथ ही साथ हाथों का आकार भी पूर्ण हो जाता है। इस दौरान शिशु अपना अंगूठा चूसने का प्रयास भी करता है।

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शारीरिक परिवर्तन:

तेरह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में गर्भवती के शारीरिक संरचना में में भी कुछ परिवर्तन होते हैं जैसे:

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कमर एवं पीठ में दर्द होना:

इस दौरान गर्भवती को कमर दर्द और पीठ दर्द की समस्या होने लगती। जैसे जैसे शिशु का आकार बढ़ता है यह समस्या आम हो जाती है। इसलिए महिलाओं को योग करने और धीरे धीरे वॉक करने की सलाह दी जाती है जिससे यह समस्या नियंत्रित की जा सकती है।

गैस और सीने में जलन होना:

इस दौरान गर्भवती को सीने में जलन और गैस की समस्या होती है। खाना ठीक से पचता नहीं है। साथ ही कभी भी कुछ भी खाने का मन हो जाता है लेकिन इस दौरान गर्भवती को खाने का बहुत ध्यान रखना होता है ताकि शिशु को किसी प्रकार का नुकसान न हो।

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इस तरह से तेरह सप्ताह की गर्भवस्था के दौरान आने वाले परिवर्तन में ये सब शामिल हैं। गर्भवती को मानसिक रूप से इन सभी परिवर्तनों के लिए तैयार होना बहुत आवश्यक है क्योंकि अगर मानसिक रूप पर स्वयं को तैयार कर लिया जाये तो पूरे नौ महीने बहुत आराम से निकल जाते हैं। कुछ महिलाएँ इस दौरान बहुत ज्यादा परेशान हो जाती हैं और उन्हें तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं को योग और मैडिटेशन जरूर करना चाहिए जिससे मन शांत रहे और शरीर भी स्वस्थ्य बना रहे।

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