पीठ पर होने वाले छोटे-छोटे दानों के होने का कारण

by Mahima
back acne

चेहरे पर यदि कोई दाग दब्बा हो जाये तो उसको दूर करने के लिए हम तरह तरह के उपाय अपनाने लगते हैं परन्तु इसी प्रकार के अनेकों छोटे छोटे दाने हमारी पीठ पर भी हो जाते हैं, जिसको हम अक्सर नजर अंदाज  करते रहते हैं, परन्तु कई बार सही देख रेख न करने पर यह समस्या बढ़ जाती  है जो की हमारे लिए एक परेशानी का कारण बन सकती है। पीठ पर होने वाले कील मुंहासों को बैक्ने भी कहा जाता है।

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खासतौर पर जिन लोगों स्किन एक्ने प्रोन (acne-prone) होती है उनके साथ पीठ पर पिम्पल होने की समस्या सबसे अधिक होती है। वैसे तो पीठ पर कील मुंहासों का होना एक आम समस्या है लेकिन कभी-कभी यह काफी तकलीफदेह भी हो सकती हैं, जिसमें काफी दर्द भी होता है। पीठ पर मुँहासे की समस्या पुरुषों और महिलाओं में समान मात्रा में हो सकती है।

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आइये जानते हैं पीठ पर दाग धब्बे होने के क्या कारण होते हैं:

  • रोम छिद्रों का बंद होना : पीठ पर कील-मुंहासे होने का एक मुख्य कारण त्वचा के रोम छिद्रो का बंद होना होता है। जब त्वचा से अत्यधिक मात्रा में तेल का स्राव होता है तो त्वचा के रोम छिद्र चिपचिपे होकर बंद हो जाते हैं और पीठ पर कील-मुंहासे की समस्या होने लगती है।
  • पीठ पर अत्यधिक पसीना आना : गर्मी के मौसम में अधिक पसीना आने से शरीर के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं, जिससे पीठ  पर कील-मुंहासे होने लगते हैं। यही कारण है कि गर्मी के मौसम में पीठ पर कील-मुंहासे व दाग-धब्बे की अधिक  समस्या रहती है।
  • हॉर्मोन में परिवर्तन के कारण: जब आप गर्भवती होती हैं तो गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से या मेनोपौस के दौरान एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन में अस्थिरता आ जाती है जिससे असमान मेलेनिन उत्पादन होने लगता है। सूर्य के प्रकाश में एक्सपोजर इन स्थानों में मेलेनिन के स्राव को सक्रिय करता है, जिसके कारण दाग धब्बे हो जाते हैं।
  • डेड स्किन सेल्स: मनुष्य के शरीर में डेड स्किन सेल्स जमा होने से भी पीठ पर कील-मुंहासों की समस्या होती है। ऐसे में स्किन को समय- समय पर एक्सफोलिएट करना जरूरी होता है। पीठ पर डेड स्किन सेल्स जमा होने से त्वचा में ब्लड का सर्कूलेशन ठीक से नही हो पाता है जिससे पीठ पर कील-मुंहासों की समस्या होने लगती है।
  • उम्र बढ़ना (एजिंग): उम्र बढ़ने के साथ- साथ आपकी  त्वचा की कोशिकाओं में क्षति ग्रस्त ऊतकों की मरम्मत की क्षमता कम हो जाती है जिसकी  वजह से उम्र बढ़ने पर  क्षतिग्रस्त क्षेत्रों की मरम्मत और दाग धब्बों से छुटकारा पाना अधिक मुश्किल हो जाता है।

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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी