साल में दो बार नवरात्री मनाने के पीछे के वैज्ञानिक मत

by Mahima
Navratri

दुर्गा माँ को शक्ति का स्वरुप माना जाता है क्योकि माँ बुराइयों का खात्मा कर मंगल करती है। इसलिए हमारे भारत में दुर्गा माँ की पूजा का विशेष स्थान है। वैसे तो शक्ति स्वरूपा  की पूजा साल भर लोग करते हैं परन्तु नवरात्रि  में नौ दिन माँ की पूजा का अपना ही विशेष स्थान है। नवरात्री में माँ की पूजा करने का  धार्मिक दष्टि से लाभ तो है ही परन्तु वैज्ञानिक रूप से भी लाभ है जिसके बारें में बहुत कम लोगो को ज्ञान है अतः हम इस आर्टिकल द्वारा यह बताने  का प्रयास करेंगे की नवरात्रि में नौ दिन तक माँ की पूजा करने के पीछे क्या वैज्ञानिक लाभ है।

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धार्मिक लाभ : भारत  वर्ष में दो बार नवरात्री  मनाने का विधान है पहला चैत्र मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा दूसरा इसके ठीक छह मास पश्चात् अश्विन मास में। सिद्धि और साधना की दृष्टि से नवरात्रों को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। इन नवरात्रों में लोग अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति संचय करने के लिए अनेक प्रकार के व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, योग-साधना आदि करते हैं।

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वैज्ञानिक लाभ : जब दोनों नवरात्रियों का समय होता है तो ऋतु परिवर्तन का  समय होता है जैसे चैत्र मास  की नवरात्री में गर्मियों की और अश्विन मॉस  की नवरात्री जाड़ों की शुरुआत का समय होता है। और इन दोनों ही ऋतुओं के बदलने से शरीर के रोग ग्रस्त होने की आशंका बहुत अधिक रहती है। इस  समय रोगाणु आक्रमण की सर्वाधिक संभावना होती है। शरीर और मन को पुष्ट और स्वस्थ बनाकर नए मौसम के लिए तैयार करने के लिए नवरात्री के व्रत को धिक् महतव दिया गया है। नवरात्री  के दौरान व्रत और हवन पूजन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है क्योकि नवरात्री के समय किये गए  हवन, पूजन में कई तरह की जड़ी-बूटियों और वनस्पतियों का प्रयोग किया जाता है। जो हमारे आस पास के वातावरण को स्वच्छ रखने में मदद करते है।  शरीर तंत्र को पूरे साल के लिए सुचारू रूप से क्रियाशील रखने के लिए  यह शुद्धि का पर्व नौ दिन मनाया जाता है। इनको व्यक्तिगत रूप से महत्व देने के लिए नौ दिन, नौ रूप दुर्गा माँ के कहे जाते हैं। अंग-प्रत्यंगों की पूरी तरह से भीतरी सफाई करने के लिए हर 6 माह के अंतर से सफाई अभियान चलाया जाता है जिसमें सात्विक आहार के व्रत का पालन करने से शरीर की शुद्धि की जाती है।

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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी