सिक्‍स्‍थ सेंस (छठी इंद्री) से जुड़ा विज्ञान

by Mahima
sixth sense

कई बार आपने आभास किया होगा की आपको कुछ अच्छी या बुरी घटनाओं का आभास पहले से ही हो जाता है क्या आपने कभी सोचा हैं यह किस कारण होता है ? जी हाँ यह आपके सिक्स्थ सेंस द्वारा किया गया आभास होता है। सिक्स्थ सेंस को आम भाषा में छटी इंद्री कहते हैं। आम रूप से हर व्यक्ति में पांच इंद्रियां पाई जाती हैं- नेत्र, नाक, जीभ, कान और त्वचा। जिनका कार्य क्रमशः दृश्य, सुगंध, स्वाद, श्रवण और स्पर्श होता है, परन्तु एक और इंद्री सभी व्यक्तियों में उपस्थित होती है जिसको छठी इंद्री कहा जाता है, जो दिखाई नहीं देती, लेकिन उसका अस्तित्व महसूस होता है। परन्तु यह छठी इंद्री सभी व्यक्तियों में जाग्रत नहीं होती है। इसे ध्यान तथा योग से जाग्रत किया जाता है।

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छठी इंद्री को सक्रिय करके क्या लाभ होता है :

  • इससे पूर्वाभास का अनुमान लगाने में मदद मिलती है जिससे आप भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जान सकते हैं।
  • सामने बैठे व्यक्ति के मन में क्या विचार चल रहा है इसका काफी हद तक अनुमान लगा सकते हैं।
  • मीलों दूर बैठे व्यक्ति के मन से जुड़ सकते हैं।
  • छठी इंद्री पूरी तरह जागृत हो जाने पर व्यक्ति से कुछ भी छिपा नहीं रह सकता वह भविष्य में होने वाली घटनाओं को पहले ही बता सकता है।

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छठी इंद्री के पीछे का विज्ञान : कोलंबिया में हुए एक अध्ययन के अनुसार छठी इंद्रि के कारण ही हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास होता है। रिसर्च के अनुसार छठी इंद्रि जिन लोगो में सक्रीय होती है वह लोग  होशो-हवास में आये हुए विचार या भावनाओं को अच्छे से महसूस  कर सकते हैं। लगभग एक-तिहाई लोगों की छठी इंद्रि सक्रिय होती है, बस थोड़े से ध्यान द्वारा वह उसको और भी सक्रीय कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि हर इंसान के अंदर छठी इंद्री होती है और ये शरीर में मानसिक चेतना से जुड़ी होती है परन्तु केवल एक-तिहाई लोगों में ही यह सक्रीय अवस्था में होती है। इसे आप पूर्वाभास भी कह सकते हैं। इस स्थिति में पूर्वाभास के संकेत सपने या किसी अन्‍य संकेतों के तौर पर मिलते हैं।

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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी