युवाओं का दिल क्यों कमजोर हो रहा है?

by Naina Chauhan
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आज युवाओं में दिल की बीमारियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बन गई है। पहले के समय में जहां 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में ही दिल के रोग की समस्या देखने को मिलती थी। लेकिन आज हृदय रोगों से सबसे अधिक युवा वर्ग पीड़ित है। बदलते खानपान और व्यस्त दिनचर्या के कारण हृदय की बीमारी अब युवाओं को भी चपेट में ले रही है।

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युवाओं में फैले ‘लाइफ स्टाइल डिस्ऑर्डर’ के लिए वो पांच कारणों को अहम मानते हैं-

•जीवन में तनाव

•खाने की ग़लत आदत

•कम्प्यूटर/ इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर देर तक काम करना

•स्मोकिंग, तंबाकू, शराब की लत

•पर्यावरण का प्रदूषण

हार्ट अटैक के लक्षण

हम सब ही जानते है हार्ट अटैक का सबसे बड़ा लक्षण माना जाता है- सीने में तेज़ दर्द। ऐसा तब होता है जब दिल तक खून की आपूर्ति नहीं हो पाती तो उस समय दिल का दौरा पड़ता है। आमतौर पर हमारी धमनियों के रास्ते में किसी तरह की रुकावट आने की वजह से खून दिल तक नहीं पहुँच पाता, इसीलिए सीने में तेज़ दर्द होता है। लेकिन कई बार दिल के दौरे में दर्द नहीं होता। इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है

किन महिलाओं को हार्ट अटैक का सबसे अधिक ख़तरा?

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  • “महिलाओं में प्री मेनोपॉज़ हार्ट की बीमारी नहीं होती.”
  • इसके पीछे महिलाओं में पाए जाने वाले सेक्स हॉर्मोन हैं जो उन्हें दिल की बीमारी से बचाते हैं.लेकिन पिछले कुछ समय में महिलाओं में प्री मेनोपॉज़ वाली उम्र में भी हार्ट अटैक जैसे बीमारियां देखी जा रही हैं.
  • अगर कोई महिला स्मोकिंग करती है, या गर्भनिरोधक पिल्स का लंबे समय से इस्तेमाल करती रही है तो प्राकृतिक रूप से उसके शरीर की हार्ट अटैक से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है.”

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हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करें?

  • हार्ट अटैक के ख़तरे से बचने के लिए युवाओं को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की ज़रूरत है.
  • योग से ये बदलाव संभव है.योग से न सिर्फ तनाव दूर होता है।