आयुर्वेद चिकित्सा से रोकें मोटापा

by Darshana Bhawsar
आयुर्वेद

आज के समय में हर कोई आकर्षित दिखना चाहता है। लेकिन इसके बाबजूद भी कई लोग मोटे होते हैं एवं लाख कोशिशों के बाद भी वे दुबले नहीं होते। कभी–कभी मोटापा वंशानुगत होता है लेकिन फिर भी दुबला होना संभव है। आयुर्वेद चिकित्सा ने मोटापा नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त कर ली है। लेकिन इसके लिए सबसे पहले अपनी दिनचर्या में परिवर्तन लाना होगा। समय पर सोना एवं समय उठाना साथ ही समय पर खाना और सही मात्रा में खाना बहुत जरुरी है।

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आयुर्वेद फॉर वेट लूज़ की समयसारिणी:

सुबह जल्दी उठें:

सुबह किसी भी हाल में छः बजे बिस्तर छोड़ दें। इसके बाद सुबह 30 मिनिट की वाक जरुर करें। यह सेहत के लिए बहुत लाभदायक है एवं आयुर्वेद चिकित्सा का पहला नियम भी है।

वाक के आधे घंटे बाद कुछ खा लें या पी लें:

वाक के आधे घंटे बाद जब शरीर नार्मल हो जाये तब कोई भी जूस ले लें या फल खा लें। अगर आप केला खाते हैं तो इससे स्फूर्ति बनी रहती है।

2 घटे बाद नास्ता करें:

2 घंटे बाद थोडा पौष्टिक नाश्ता अवश्य करें जैसे स्‍प्राउट, पोहे, इडली या कुछ और जो कम से कम ४ से 5 घंटे के लिए आपके शरीर को ताकत दे।

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दोपहर का खाना:

दिन में 2.30 से 3 बजे का समय खाने के लिए निश्चित करें। इस समय आप पूरा आहार लें जैसे हरी सब्जी, चपाती, दाल, चावल इत्यादि। एवं खाने के बाद कम से कम 15 मिनिट की वाक करें जिससे खाना पच जाये।

शाम का खाना :

शाम के खाने के लिए 6 बजे से 7 बजे का समय निर्धारित करें। इस समय हल्का खाना खाएँ जैसे दलिया या ओट्स इत्यादि। और सोने के 2 घंटे पहले खाना खा लें। इसके बाद कम से कम 30 मिनिट की वाक अवश्य करें।

सोने का समय:

रात को सोने का समय 9.30 से 10 बजे का निर्धारित करें। इससे आपकी नींद भी पर्याप्त हो जाएगी और शरीर को भी आराम मिलेगा।

इस दिनचर्या के बाद आपको किसी भी प्रकार की आयुर्वेद चिकित्सा की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह टिप्स आयुर्वेद फॉर वेट लूज़ की सबसे उपयोगी टिप्स हैं। अगर इसके बाद भी आपका मोटापा कम नहीं होता तो अपने वाक करने की गति को बढाएं। इससे निश्चित ही असर देखने को मिलेगा।

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