लिम्फोमा कैंसर का संकेत, जानें इसके लक्षण और कारण

by Naina Chauhan
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कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे हर कोई डरता है। क्योंकिकैंसर कोई भी हो वो खतरनाक और जानलेवा तो होता ही है, इसीलिए इसका समय पर इलाज कराना बहुत जरूरी हो जाता है। दुनियाभर में हर साल लाखों लोग कैंसर की चपेट में आने से अपनी जान गवां बैठते हैं। ये बात सच है कि कैंसर एक निश्चित सीमा से ज्यादा फैल जाए, तो मरीज की जान बचाना बहुत मुश्किल भी होता है। लेकिन समय से पहले अगर इसके लक्षण पहचान लिए जाए तो सही समय पर इलाज कराया जा सकता है और मरीज की जान बचाई जा सकती है। ऐसा ही एक कैंसर है लिम्फोमा कैंसर, जो शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है। गले में लिम्फोमा कैंसर बेहद खतरनाक है क्योंकि इससे कई बार सांस नली प्रभावित हो जाती है। असके साथ ही गले का आकार में भी बदलाव आ जाता है। गले में लिंफोमा के लक्षण दिखने में थोड़ा समय जरूर लग सकता है, लेकिन अगर आपको सही लक्षणों के बारे में पता है तो आप इसका समय पर इलाज करा सकते हैं। 

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क्या है लिम्फोमा कैंसर? 

इम्‍यून सिस्‍टम की कोशिकाओं को लिम्‍फोकेट्स और जो कोशिकाएं कैंसर से ग्रसित होती हैं उन्‍हें लिम्‍फोमा कैंसर कहते हैं। एक इंसान के शरीर में 35 अलग-अलग तरह के लिम्‍फोकेट्स होती हैं और इनमें से कई बार कुछ कोशिकाएं लिम्‍फोमा से ग्रसित हो जाती हैं। और कैंसर इन कोशिकाओं को प्रभावित करता है और शरीर की अन्‍य बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ब्‍लड कैंसर का सबसे ज्‍यादा होने वाला प्रकार लिम्‍फोमा है।

गले में लिम्फोमा कैंसर के लक्षण

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  • गले में सूजन पैदा होना। 
  • गले में खराब होना। 
  • कान में दर्द होना। 
  • नाक का ब्लॉक होना। 
  • किसी भी चीज को निगलने में परेशानी होना। 
  • मुंह और होंठ सुन्न पड़ जाना। 

गले में पड़ने लगती है सूजन

वैसे तो गले में सूजन आने के कई कारण हो सकते हैं। गले संबंधित रोग जैसे टॉन्सिल आदि के कारण भी गले में समस्या हो सकती है। लेकिन अगर गले में सूजन और दर्द लगातार दो हफ्तों तक बना रहे और दर्द सामान्य से तेज हो तो आपको तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए क्योंकि ये गले में लिंफोनिया कैंसर के संकेत हो सकते हैं।

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दो प्रकार के होते हैं लिम्फोमा कैंसर: 

होडकिन और गैर-हॉजकिन लिम्फोमा अलग-अलग प्रकार के लिम्फोसाइट्स को प्रभावित करते हैं। दोनों ही अलग प्रकार के कैंसर शरीर में अलग-अलग तरीके से फैलने का काम करते हैं। इसके साथ ही इनके उपचार के लिए अलग-अलग प्रतिक्रियाएं होती हैं। कैंसर होने के बावजूद, लिम्फोमा का काफी इलाज योग्य हैं। कई मामलों में वे पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। लिम्फोमास ल्यूकेमिया से काफी अलग होता है क्योंकि दोनों अलग-अलग तरीके की कोशिकाओं में शुरू होते हैं। लिम्फोमास लिम्फोसाइट्स में शुरू होता है जबकि ल्यूकेमिया अस्थि मज्जा कोशिकाओं में शुरू होता है।

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