80 से 90 प्रतिशत लोग हर साल होते हैं लंग कैंसर का शिकार, जानें क्या है इसके लक्षण, प्रकार और बचाव

by Naina Chauhan
lung cancer

आज के समय में फेफड़ों के कैंसर से होनी वाली मौतों में तेजी से बढ़ रही है। इसकी एक बड़ी वजह है कि लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर जागरूकता नहीं है। इसके साथ इस बीमारी को पकड़ने के लिए जांच की भी व्यवस्था बहुत कम जगहों पर है। लोगों की इस बीमारी के बारे में तब पता चलता है जब मरीज जब अंतिम चरण में पहुंच जाता है तो इलाज शुरू करवाता है। तो आज हम जानेंगे लंग कैंसर होने की वजहें, लक्षण और बचाव के बारे में…

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फेफड़े का कैंसर

जब फेफड़ों के किसी भाग में कोशिकाओं की अनियंत्रित व असामान्य वृद्धि होने लगती है, तो इस स्थिति को फेफड़े का कैंसर कहते हैं। फेफड़े के कैंसर का शुरुआती दौर में पता नहीं चलता और यह अंदर ही अंदर बढ़ता जाता है। वास्तव में, फेफड़े का कैंसर फेफड़े के बाहर भी बढ़ जाता है और इसके लक्षण भी अक्सर पता नहीं चलते हैं।

कैंसर के प्रकार

1. स्मॉल सेल लंग कैंसर (एससीएलसी):

स्मॉल सेल लंग कैंसर सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाला फेफड़े का कैंसर है। यह कैंसर धूम्रपान के कारण होता है। यह शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैलता है और अक्सर जब यह ज्यादा फैल चुका होता है, तब ही इसका पता चलता है।

2. नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (एनएससीएलसी):

नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर ऐसा कैंसर है, जिसे तीन प्रकारों में विभक्त किया जा सकता है। इनके नाम ट्यूमर में मौजूद सेल्स के आधार पर होते हैं। जैसे एडिनोकार्सिनोमा, स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा।

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कैंसर के लक्षणों को जानें

– सांस फूलना।

– वजन कम होना।

– खांसी जो लगातार बनी रहती है।

– बलगम के रंग और मात्रा में बदलाव आना।

– खांसी के साथ खून निकलना।

– सीने में बार-बार संक्रमण होना और सीने में लगातार दर्द का बने रहना।

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लंग कैंसर के बचाव

अगर कोई फेफड़े के कैंसर से बचना चाहता है तो उसके लिए धूम्रपान से दूर रहना आवश्यक है। सेहतमंद रहने के लिए सुबह के वक्त टहलें और जहां तक संभव हो प्रदूषण वाले माहौल से बचें। दोपहिया वाहन सवार व्यक्ति वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। प्राणायाम करने से फेफड़े सशक्त होते हैं।