माइंड एंड बॉडी के बीच संबध को जानना है जरुरी

by Darshana Bhawsar
माइंड एंड बॉडी

आखिर क्यों जरुरी होता है माइंड एंड बॉडी के बीच के संबध को जानना? क्या है माइंड एंड बॉडी रिलेशनशिप का सच? इस तरह के कई सारे सवाल हमारे दिमाग में चलते रहते हैं और हम इन सवालों का जवाब ढूंढते रहते हैं। ये तो सभी जानते हैं शरीर को काया भी कहा जाता है जिसके अन्दर एक बहुत अहम् चीज़ होती है आत्मा। जिसको एक बिंदु के रूप में देखा जाता है। एक सूक्ष्म बिदु ही आत्मा है। अगर आत्मा नहीं है तो शरीर निर्जीव माना जाता है। आत्मा के बाद शरीर का अहम् हिस्सा होता है दिमाग। दिमाग शरीर का वह भाग है जिससे इन्सान चाहे तो असमान की ऊँचाइयों को छु ले। और शरीर को चलाने के लिए दिमाग का बहुत महवपूर्ण योगदान है।

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माइंड एंड बॉडी रिलेशनशिप एक आत्मा के दो हिस्से जैसे हैं जिसमें से अगर एक भी अलग हुआ तो दूसरा चलने में संभव नहीं है। देखा जाये तो इनमें बहुत गहरा संबंध है और नहीं भी। क्योंकि दोनों के कार्य अलग है शरीर के अन्दर ही दिमाग है। और यही कारण है कि हमारे मन में इन्हें लेकर कई सवाल आते रहते हैं। लेकिन माइंड एंड बॉडी एक दुसरे के बिना नहीं चल सकते। इनको एक दूसरे के साथ ही चलना होता है तभी एक स्वस्थ और उचित व्यक्तित्व की स्थापना संभव है।

माइंड एंड बॉडी

माइंड एंड बॉडी रिलेशनशिप तब से है जब से आत्मा ने एक शरीर धारण किया। तभी एक माइंड एंड बॉडी का जन्म हुआ। और आप देख सकते हैं कि इस दुनिया में तरह-तरह के व्यक्तित्व हैं क्योंकि सबके माइंड एंड बॉडी रिलेशनशिप में अंतर है। हर इंसान का दिमाग एक अलग दिशा और सोच के साथ चलता है। हर इन्सान की सोच और समझ में अंतर देखा जाता है। कभी-कभी किन्ही व्यक्तियों में माइंड एंड बॉडी को थोडा बहुत समान तो देखा जा सकता है लेकिन बिलकुल एक जैसा होना संभव नहीं है। और यही कारण है कि माइंड एंड बॉडी एक अलग स्थान रखती हैं एवं इनमें संबंध गहरा होता है। एवं इन्हें स्वस्थ रखना बहुत जरुरी होता है तभी एक आदर्श संबध होना संभव है।

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