जानें क्या है इंसुलिन इंजेक्शन लेने का सही तरीका

by Darshana Bhawsar
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शुगर के मरीज दिनोदिन बढ़ते जा रहे हैं और इसके कारण कई है जैसे टेंशन बहुत अधिक होना, व्यायाम न करना, गलत खान पान इत्यादि। ब्लड शुगर को अगर नियंत्रित करना है तो इसके लिए सहारा लिया जाता है इन्सुलिन इंजेक्शन का। और इसके लिए आपको इसका सही तरीका पता होना बहुत आवश्यक है। डायबिटीज से तात्पर्य है ब्लड में बढ़ना या कम होना। जब ब्लड में शुगर जरुरत से अधिक हो जाती है तो उस स्थिति में इसे नियंत्रित करने के लिए इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं।

जिन लोगों को डायबिटीज है उनके लिए इन्सुलिन आज कल जरुरी हो गया है। यह इंजेक्शन डायबिटीज के मरीजों को दिन में 2 से 3 बार लेना होता है। और इन्हें लेते समय कुछ सब्धानियाँ बरतनी बहुत आवश्यक है जिससे आगे परेशानी न हो दर्द का सामना भी कम करना पड़े। तो हम यहाँ जानेंगे कि ब्लड शुगर टेस्ट डायबिटीज रोगी किस प्रकार लें इन्सुलिन इंजेक्शन जिससे दर्द भी होगा कम:

  1. इंजेक्शन किस हिस्से में लगाना है यह पता होना जरुरी है।
  2. हर डोज के लिए स्किन के नए हिस्से को ही चुनें।
  3. सुई होल्ड करने का समय।
  4. समय का रखें ध्यान।
  5. जाने दर्द कम करने का तरीका।
  6. गुलुकोज की निगरानी करें।

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इंजेक्शन किस हिस्से में लगाना है यह पता होना जरुरी है:

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जब डायबिटीज बढ़ जाती है तब इन्सुलिन इंजेक्शन लेना बहुत जरुरी हो जाता है अब बात आती है कि इंजेक्शन किस हिस्से में लगाया जाये। इंजेक्शन को इंजेक्ट करने के लिए आपको सही जगह पता होना चाहिए जिससे बाद में किसी प्रकार की समस्या न हो। इस इंजेक्शन को अधिक चर्बी वाले स्थान पर लगायें, वैसे यह इंजेक्शन चमड़ी के नीचे फैट लेयर पर ही दिया जाता है। गलती से भी इस इंजेक्शन को मांसपेसियों में नहीं देना चाहिए इससे यह जल्दी अवशोषित हो जाता है और शुगर लेवल बहुत ही जल्दी कम हो जाता है और इससे मरीज को परेशानी होती है।

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हर डोज के लिए स्किन के नए हिस्से को ही चुनें:

अगर आप इन्सुलिन का इंजेक्शन पहली बार ले रहे हैं तो आपको लगेगा कि एक ही जगह इसे लगाया जाये तो आसान होगा क्योंकि आपको इसे लगाने की आदत नहीं होती। लेकिन अगर आप  इंजेक्शन लेने की जगह बदलते रहेंगे तो आपको ज्यादा आसानी होगी और दर्द कम होगा। अगर एक ही जगह बार- बार इंजेक्शन लगाया जाता है तो उस जगह सूजन आ जाती है, गाँठ बन जाती है और चमड़ी भी मोटी होने का खतरा बढ़ जाता है। तो इस बात का ध्यान रखें।

सुई होल्ड करने का समय:

जब भी मरीज स्वयं इन्सुलिन का इंजेक्शन लेते हैं तो उन्हें इंजेक्शन लगाते समय सुई होल्ड करने का समय पता होना चाहिए। डॉक्टर के अनुसार कम से कम 5 से 7 सेकंड तक सुई को त्वचा में होल्ड करना चाहिए जिससे इंजेक्शन में मौजूद दवा त्वचा में पूर्ण रूप से पहुँच जाए।

समय का रखें ध्यान:

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समय का ध्यान मतलब है कि इंजेक्शन कब लेना है खाना खाने के बाद या पहले। इन्सुलिन का इंजेक्शन तब असर करता है जब आपके मील से ग्लूकोज आपके रक्त प्रवाह में पहुँचने लगता है। इसलिए यह इंजेक्शन भोजन से 10-15 मिनिट पहले लगाना चाहिए। अगर आप ने इंजेक्शन लगाया है तो आपको कुछ खाना बहुत जरुरी है नहीं तो शुगर कम भी होना संभव है।

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जाने दर्द कम करने का तरीका:

अगर आपको इंजेक्शन लगाने का सही तरीका पता है तो आपको कम दर्द का सामना करना पड़ेगा। जिस भी जगह आपको इंजेक्शन लगाना है उस जगह को अल्कोहल में भिगोई हुई रुई से साफ़ कर लें और उस जगह को सूखने दें और तुरंत ही उस जगह पर इंजेक्शन लगायें और कम से कम 10 सेकंड तक सुई को होल्ड करके रखें। सुई निकलने के बाद उस स्थान को रुई से थोड़ी देर दवा कर रखें।

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ग्लूकोज की निगरानी करें:

अगर आपको डायबिटीज है तो आपको ग्लूकोज लेवल बार-बार चेक करना होता है कि व्यायाम एवं खाने के बाद ग्लूकोज आपको किस प्रकार प्रभावित कर रहा है जिससे आपको पता लगता है कि वाकई आपको इन्सुलिन की आवश्यता है या नहीं। जब गंभीर रूप से कोई डायबिटीज का शिकार होता है तब डॉक्टर इन्सुलिन लेने की सलाह देते हैं। ये सभी ऐसी जानकारी थी जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए, यदि आपको डायबिटीज है और डॉक्टर ने आपको इन्सुलिन लेने की सलाह दी हुई है तब।

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