इन लक्षणों को पहचान कर अपने आप को सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचाएं

by Mahima
cervical cancer

सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकती है। इसे फाइब्राइड,रसौली या फिर ट्यूमर के नाम से भी जाना जाता है। 35 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। महिलाओं की असमय मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है सर्वाइकल कैंसर। भारत की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बढ़ने की दर 2.4 प्रतिशत है, जबकि विश्व स्तर पर यह आंकड़ा 1.3 प्रतिशत है। सर्वाइकल कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो महिलाओं के गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि होने के कारण होती है। शुरुआती अवस्था में सर्वाइकल कैंसर को लक्षणों के आधार पर नहीं पहचाना जा सकता। परन्तु कुछ लक्षणों के आधार पर आप सर्वाइकल कैंसर के बढ़ने वाले खतरे को पहचान सकते हैं।

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लक्षण :

  • शारीरिक संबंध और मेनोपॉज के बाद अधिक रक्तस्राव या फिर तेज दर्द होना सर्वाइकल कैंसर का सकेंत हो सकता है।
  • पेशाब की थैली में दर्द होना सर्वाइकल कैंसर का पहला लक्षण माना जाता है। क्योंकि ऐसी स्थिति तब पैदा होती है, जब कैंसर यूरिन की थैली तक पहुंच चुका हो।
  • आम तौर पर महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है। परन्तु यदि मासिक धर्म न होने पर भी तेज या हल्का दर्द हो तो भी यह सर्वाइकल कैंसर का कारण हो सकता है।
  • दो माहवारी के बीच में रक्तस्राव होना भी सर्वाइकल कैंसर का सकेंत हो सकता है।
  • यदि आपको मासिक धर्म चक्र के अलावा भी पेडु का दर्द हमेशा बना रहता है, तब यह भी सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है।
  • अधिकाशतः सफेद बदबूदार पानी का रिसाव होना साथ ही व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या भी सर्वाइकल कैंसर का सकेंत हो सकती है।
  • सर्वाइकल कैंसर के सामान्य लक्षण भूख कम लगना, वजन कम होना, थकान महसूस करना, अनीमिया और बोन फ्रैक्चर आदि भी हो सकते हैं। अतः इनमें से यदि आप कुछ भी महसूस करें तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी