जुकाम और फ्लू के अंतर को कैसे पहचाने

by Mahima

जुकाम को आमतौर पर नजले के नाम से जाना जाता है। कई बार हम फ्लू को भी मामूली जुकाम समझ बैठते हैं। जुकाम और फ्लू अलग अलग होते  हैं। लेकिन यह अंतर पहचाना आसान नहीं होता। इसीलिए फ्लू और जुकाम में फर्क क्या होता है यह जानना आवशयक होता है।

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जानते है फ्लू और जुकाम में क्या अंतर है:

फ्लू :

फ्लू, इनफ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से होता है। यह वायरस सर्दियों में तेजी से फैलता है। लेकिन इसी दौरान जुकाम के मामले भी तेजी से बढ़ते हैं। यही वजह है कि अक्सर फ्लू और जुकाम में अंतर करना मुश्किल हो जाता है।ये सामान्य तौर पर सर्दी-जुकाम की तरह ही एक संक्रमण रोग है, जो अकसर खांसने और छींकने वाले शख्स को छूने या फिर उसके करीब रहने से हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि हाथों को धोए बिना आंख, नाक या फिर चेहरे को न छुएं। फ्लू के दौरान  तेज बुखार, गले में खराश जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसमें बुखार 100 से 103 डिग्री तक होने की सम्भावना रहती है। आम तौर पर फ्लू का हमला एक झटके से होता है। व्यक्ति बहुत जल्दी बहुत ज्यादा बीमार महसूस करने लगता है, अचानक तेज बुखार आ जाता है, नाक बहने के साथ साथ सिर में और जोड़ों में दर्द होने लगता है। रोगी को हफ्ते भर तक बहुत ही ज्यादा थकान महसूस होती है। फ्लू का शिकार होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि फ्लू आसानी से निमोनिया में भी बदल सकता है।

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जुकाम :

मौसम में होने वाले बदलाव को कई बार शरीर झेल नहीं पाता, जिसके चलते हमारे शरीर को खांसी और जुकाम की समस्या घेर लेती है। सर्दी-जुकाम में सबसे पहले गले में खराश के साथ जलन की समस्या होती है और फिर नाक भी बहने लगती है। जुकाम के कारण शरीर में हल्का बुखार भी बना रहता है। जुकाम से पीड़ित तकरीबन 40 फीसदी लोगों को गले में खराश की शिकायत होती है, जबकि 50 प्रतिशत लोगों को खांसी और कफ रहता है। आम तौर पर जुकाम की  शुरूआत गले में खराश और हल्के जुकाम से होती है।  फिर यह ब्रॉन्काइटिस या सूखे कफ में बदलता है। जुकाम से बचने के लिए अंग्रेजी दवा लेना सही विकल्प नहीं है इसके लिए घरेलू नुस्खे अपनाना बेहतर विकल्प होता है।

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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी