दिल की बीमारी क्या है और इसके कारण

by Darshana Bhawsar
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दिल की बीमारी आज के समय में सबसे बड़ी समस्या है कई बार व्यक्ति को इसका पता ही नहीं चलता। दिल की बीमारी बहुत ही खतरनाक होती है कुछ ही मिनिट में व्यक्ति का जीवन भी खत्म हो सकता है। दिल की बीमारी से बचा जा सकता है। कहते हैं हर बीमारी अपने कुछ लक्षण साथ लेकर आती है उन लक्षणों को पहचानकर आप अपना इलाज करवा सकते हैं। कुछ इलाज तो घरेलु हैं जो आसानीपूर्वक अपनाये जा सकते हैं। दिल की बीमारी कई प्रकार की हो सकती है लेकिन इसके पहले यह जानना जरुरी है कि दिल की बीमारी होती क्या है। और इसके कारण क्या है।

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  • दिल की बीमारी क्या है?:

दिल की बीमारी को हृदय रोग भी कहा जाता है। हृदय रोग वह होता है जब धमनियों तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुँचता और ऑक्सीजन भी नहीं पहुँचती। इस वजह से हृदय ठीक प्रकार से पंप नहीं कर पाता। इस वजह से दिल की बीमारियाँ होती है। ये बीमारियाँ जानलेवा सिद्ध होती हैं। हृदय में ठीक प्रकार से ऑक्सीजन और रक्त पहुँचना बहुत आवश्यक होता है। हृदय शरीर का एक ऐसा भाग है जिसके बिना जीवन संभव ही नहीं है। हृदय से पूरा शरीर नियंत्रित किया जाता है। अगर हृदय नहीं होगा तो जीवन और मनुष्य भी नहीं होंगे वे जीवित रह ही नहीं सकते।

हमने कभी ये नहीं सुना होगा कि किसी व्यक्ति के अंदर हृदय ही नहीं है अगर हृदय नहीं होगा तो व्यक्ति जिन्दा ही नहीं होगा। अब आप समझ ही गए होंगे कि हृदय या दिल क्या है और क्यों आवश्यक है। कई बार हम हृदय सम्बंधित बिमारियों के बारे में सुनते हैं। लेकिन हम समझ ही नहीं पाते कि आखिर ये बीमारियाँ हैं क्या? और इनके होने के क्या कारण है। हृदय सम्बंधित कई प्रकार की बीमारियाँ होती हैं जिनका मुख्य कारण हम खुद ही होते हैं। ये बीमारियाँ कई वजह से हो सकती है।

  • हृदय सम्बंधित बीमारी:

हृदय रोग कई हो सकते हैं आम तौर पर हम इन्हें दिल की बीमारी कहते हैं। आज हम दिल की बीमारी के बारे में जानेंगे।

  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज:

यह एक हृदय रोग है जिसमें छाती में दर्द एवं एंजाइना होता है। एंजाइना में व्यक्ति को छाती में दर्द, दबाव, दर्द, ऐठन आदि की समस्या होती है। कई बार इसमें अपच या हार्गबनग भी होता है जिसे रोग साधारण रूप में लेते हैं। आम तौर पर इसमें कंधे में दर्द, गर्दन में दर्द, जबड़े या पीठ में दर्द की समस्या होती है। इसके कई प्रकार के लक्षण हो सकते हैं। ये बहुत ही बड़ा रूप ले सकती है।

  • हार्ट अटैक:

हार्ट अटैक के लक्षण को आधे घंटे तक देखा जा सकता है। जब हार्ट अटैक आता है तब आराम करने या दवा खाने से कोई ख़ास आराम नहीं मिलता। मामूली दर्द शुरू होता है और बाद में यह गंभीर रूप ले लेता है। कुछ लोगों में हार्ट अटैक का यह लक्षण दिखाई नहीं देता, जिसे साइलेंर् मायोकाडिगयल इन्रैक्शन कहा जाता है। सामान्यतः इसे एमआई के नाम से जाना जाता है। ये उन लोगों में अधिकतर देखा जाता है जिन्हें मधुमेह होता है। साथ ही मधुमेह से पीड़ित लोगों में ही इस प्रकार की समस्याएँ अधिकतर देखी जाती है। अगर छाती में दर्द है तो उसका तुरंत ही इलाज करवाएं देर न करें हो सकता है यह हार्ट अटैक वाला दर्द हो।

  • हार्ट वाल्व:

हार्ट वाल्व से सम्बंधित रोग भी हृदय रोग होता है। ऐसा माना जाता है इसके सामान्य लक्षण नहीं होते हैं लेकिन इसका इलाज संभव है। कई बार हार्ट वाल्व से सम्बंधित कोई लक्षण देखा नहीं जाता और अचानक से हार्ट वाल्व की परेशानी सामने आती है इसका तुरंत इलाज करवाना होता है। इसके अचानक से गंभीर लक्षण सामने आने लगते हैं कई बार ऐसा भी होता है कि हार्ट वाल्व की जाँच करने पर हृदय सम्बन्धी मामूली बीमारी का पता चलता है। इसके लक्षण कुछ प्रकार के होते हैं जैसे सही प्रकार से सांस न ले पाना, कमजोरी और बेहोशी महसूस करना, छाती में दर्द होना इत्यादि।

  • जन्मजात हृदय रोग:

कई बार जन्मजात हृदय रोग भी होता है। इसका पता बचपन में ही चल जाता है। लेकिन कई बार बड़े होने तक भी इसका पता नहीं लग पाता। कई बार इसका सामान्य रूप से पता नहीं चलता। दिल की मंद धवनि या ईकेजी या चेस्ट एक्सरे से इसके बारे में पता चलता है। जिनमें जन्मजात हृदय रोग होते हैं उनमें कुछ इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे: जल्दी-जल्दी सांस लेना, व्यायाम न कर पाना, वाल्व सम्बन्धी बीमारी के लक्षण आना,  साइनोमसस, भूख में कमी होना इत्यादि। यह भी एक गंभीर बीमारी है। इसका पता लगते ही इलाज करवाना चाहिए।

  • दिल की बीमारी के लक्षण:
  • यूरिन में झाग:
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यूरिन में झाग भी एक हृदय सम्बन्धी रोग का लक्षण होता है लेकिन कई बार लोग इसे किडनी सम्बन्धी बीमारी समझ कर छोड़ देते हैं। अगर आपको लगता है कि यह किडनी सम्बन्धी रोग है तो भी आपको इसकी जाँच कराना चाहिए क्योंकि किडनी का सीधा सम्बन्ध हृदय से होता है। यूरिन में झाग बनने का सीधा कारण हृदय सम्बन्धी बीमारी भी होता है इसलिए इसे नज़रअंदाज न करें। जब शरीर में प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है तब भी यूरिन में झाग बन सकता है। यूरिन में झाग बनने के कारण हार्ट अटैक की सम्भावना भी अधिक बढ़ जाती है।

  • गर्दन या पीठ का दर्द:

गर्दन या पीठ का दर्द भी हृदय रोग की तरफ संकेत करता है। लोग इसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस भी समझ लेते हैं, लेकिन अगर आपको ऐसी कोई परेशानी हो तो इसे गंभीर रूप से लें और डॉक्टर से सलाह लें। यह दिल की बीमारी की वजह हो सकती है इस प्रकार  के दर्द को रेडीएटिंगभी कहा जाता है। यह दर्द लगातार उठता है और बना रहता है।

  • पैरों में सूजन:

जब हृदय ठीक प्रकार से कार्य नहीं करता तब पैरों में सूजन जैसी समस्याएँ सामने आती हैं। और इसके साथ ही भूख न लगना, कई बार ऐसा भी होता है कि बिना कुछ खाये भी पेट भारी लगने लगता है। पैरों में इस वजह से सूजन आने लगती है और लोग इसे साधारण सूजन मानने लगते हैं। लेकिन इसके प्रति सचेत रहे यह हृदय रोग सम्बन्धी बीमारी भी होना संभव है।

  • सांस लेने में परेशानी:

जब हृदय रोग या दिल की बीमारी से कोई व्यक्ति ग्रसित होता है उस समय उसे सांस लेने में परेशानी होती है। चलने में सांस फूलने लगती है और व्यायाम करने में भी परेशानी होती है। और सीने में दबाव और दर्द जैसी समस्याएँ भी सामने आने लगती है। लोग कई बार इसे अस्थमा समझते हैं लेकिन अगर आपको ऐसी परेशानी होती है तो इसे थोड़ा गंभीर रूप से लें हो सकता है यह अस्थमा न होकर हृदय रोग हो।

  • दांतों में दर्द:

जब दांतों में दर्द होता है तो हम इसे ओरल इन्फेक्शन समझ लेते हैं। कई बार हमें समझ नहीं आता कि यह हृदय रोग से भी सम्बंधित हो सकता है। जब दांत खराब होने की वजह से मसूड़ों में सूजन आती है तो इसके बैक्टीरियां रक्त धमनियों में प्लाक बनाते हैं। यह धमनियां सिकुड़ने का कारण होता है और हार्ट अटैक की वजह भी यही होती है।

  • चक्कर और थकान:

जब चक्कर और थकान बहुत अधिक होती है तो कई बार हम इसे कमजोरी या डिहाइड्रेशन समझ लेते हैं। लेकिन जब बिना किसी व्यायाम या फिर मेहनत के चक्कर और थकान जैसे समस्याएँ होती हैं तो ये कमजोरी या डिहाइड्रेशन नहीं होता। इसे थोड़ी गम्भीरता से लें क्योंकि ये हृदय रोग की वजह भी हो सकती हैं। जब दिल के रोग होते हैं तो चक्कर और थकान आना इसका सबसे बड़ा लक्षण होता है इसे सही रूप में पहचाने।

  • ज्यादा खर्राटे लेना:

ज्यादा खर्राटे लेना भी आम समस्या नहीं होती इसे साइनस की समस्या न समझें। जब हृदय रोग की वजह से लक्षण के रूप में व्यक्ति अत्यधिक खर्राटे लेता है तो इसे स्लीप एप्निया कहा जाता है। जब खर्राटे की आवाज सामान्य से अधिक आती है तो यह हृदय रोग हो सकता है। जब दिल पर दवाब अधिक बढ़ जाता है तो दिल के कमजोर होने की आशंका भी बढ़ जाती है इस वजह से खर्राटे आने की समस्या होती है। इस दौरान डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए।

  • बहुत पसीना आना:

बहुत पसीना आना कई बार शारीरिक मेहनत की वजह से भी हो सकता है लेकिन कई बार हम इसे हाइपरहाइड्रोसिस समझ लेते हैं। कई बार स्वैट ग्लैंड, हॉर्मोनल बदलाव, स्ट्रेस, अधिक दवाएं, मसालेदार खाना या फिर मोटापा को इसकी वजह समझने लगते हैं। लेकिन अगर ऐसी कोई भी समस्या आपको होती है तो इसे गम्भीरता से लेते हुए इसकी जाँच कराएं।

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ये सभी हृदय रोग के लक्षण थे हम हम जानेंगे कि हृदय रोग के क्या कारण हो सकते हैं। क्यों आज के समय में हृदय रोग के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए इसका कारण जानना बहुत जरुरी है।

  • हृदय रोग के कारण:
  • जब कभी भी वसा धमनियों के अंदर जन्मने लगती है तो व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है।
  • खून के बहाव में जब रूकावट आती है उस समय एंजाइना का दर्द होने लगता है और यह दर्द बहुत तेज़ होता है जिस वजह से हृदय रोग होते हैं।
  • जब हृदय की धमनियों तक पर्याप्त रूप में खून नहीं पहुँच पाता तो सांस लेने में परेशानी होती है, त्वचा और नाखून नीले या पीले पड़ने लगते हैं, अत्यधिक थकान होने लगती है और कमजोरी आने लगती है। यह भी हृदय रोग का एक कारण होता है।
  • जब फेफड़ों में द्रव जमा होने लगता है तो पैरों में भी द्रव जमा होने लगता है और यही कारण होता है हृदय रोग का।

ये कुछ खास कारण होते हैं हृदय रोग के। और भी कई कारण हो सकते हैं हृदय रोग के। अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग लक्षण हृदय रोग के दिखाई देते हैं और कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं। जैसे मोटापा, मधुमेह, जन्मजात इत्यादि।

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कई प्रकार से ह्रदय रोगों से बचा जाना संभव है। लेकिन इसके लिए व्यक्ति को अपनी दिनचर्या एवं अपने भोजन पर विशेष ध्यान देना जरुरी होगा। ह्रदय रोग का विशेष कारण शरीर में जमा हो रही वसा होती है जिसकी वजह से ब्लॉकेज जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती है और ह्रदय ठीक प्रकार से कार्य नहीं करता।

  • ह्रदय या दिल के रोगों से बचने के उपाय:
  • नियमित व्यायाम:

नियमित व्यायाम शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है। व्यायाम में योग करना चाहिए जिससे मोटापा या चर्बी जमा नहीं होती। शरीर में चर्बी जमा नहीं होने से शरीर कई प्रकार के रोगों से स्वस्थ हो जाता है। नियमित व्यायाम से शरीर में स्फूर्ति रहती है और धमनियों में पर्याप्त मात्र में रक्त पहुँचता रहता है जिससे ह्रदय रोग होने की सम्भावना न के बराबर हो जाती है।

  • संतुलित आहार:

संतुलित आहार शरीर को सही रूप में चलाने में सहायक होता है। संतुलित आहार में व्यक्ति को अंकुरित अनाज, सूप, जूस, हरी सब्जियाँ ये सभी कुछ लेना चाहिए। फ़ास्ट फूड जैसी चीज़ों से दूर रहना चाहिए। फ़ास्ट फूड मैदे से बने होते हैं जिनकी वजह से शरीर में मोटापा बढ़ता है। संतुलित आहार ह्रदय रोगों से बचने भी सहायक होते हैं इसलिए संतुलित आहार जरुरी है।

  • नियमित चलना:

जैसे नियमित व्यायाम शरीर के लिए आवश्यक होता है वैसे ही नियमित चलना या पैदल चलना भी ह्रदय रोगों से राहत दिलाता है। जब व्यक्ति ह्रदय रोग से ग्रसित होता है तो वह तेज व्यायाम नहीं कर सकता इसलिए अगर वे नियमित पैदल चलें तो कई हद तक ह्रदय रोग दूर हो सकते हैं।

ह्रदय रोग से बचने के ये बहुत ही आसन उपाय हैं इन्हें अपनाकर कई बिमारियों से बचा जा सकता है। ह्रदय या दिल के मरीजों के लिए यह उपाय अपनाना चाहिए। मोटापा दिल के रोगों की वजह होती है। इसलिए ह्रदय रोगों से बचने के लिए इन उपाय को करें जिनसे मोटापा या चर्बी कम होगी और ह्रदय रोग नष्ट होंगे। कई बार हम बीमारी के छोटे-छोटे लक्षणों को नज़रअंदाज कर देते हैं और यही लक्षण बाद में कई बड़ी बीमारियों का कारण बनते हैं। और ये ही ह्रदय रोग का कारण भी बन सकते हैं।