कपालभाति प्राणायाम करने की सही विधि अपनाकर पाएं स्वास्थ लाभ

by Mahima
right way to Kapalbhati

कपालभाति एक ऐसी सांस की प्रक्रिया है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करती है। कपालभाति प्राणायाम हमेशा शुद्ध वातावरण में ही करना चाहिए। पद्मासन में बैठ कर इस आसान को करने पर अधिक लाभ होता है।

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आइये जानते हैं इस आसन को करने की विधि :

  • कपालभाति प्राणायाम करने के लिए किसी अच्छी शांत और स्वच्छ जगह का चयन करें।
  • अपने पैरों को मोड़कर फर्श पर एकदम सीधे होकर आँखें बंद करके ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं।
  • अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और शरीर को ढीला छोड़ दें।
  • अब एक लंबी गहरी साँस अंदर लें।
  • साँस छोड़ते हुए अपने पेट को अंदर की ओर खींचे। अपने पेट को इस प्रकार से अंदर खींचे की वह रीढ़ की हड्डी को छू ले। जितना हो सके उतना ही करें।
  • पेट की मासपेशियों के सिकुड़ने को आप अपने पेट पर हाथ रख कर महसूस कर सकते हैं। नाभि को अंदर की ओर खींचे।
  • जैसे ही आप पेट की मासपेशियों को ढीला छोड़ते हो, साँस अपने आप ही आपके फेफड़ों में पहुँच जाती है।
  • कपालभाति प्राणायाम के एक राउंड को पूरा करने के लिए इस प्रकिर्या को २० बार दोहराएं।
  • शुरुवात इसे 20 बार करें और धीरे धीरे इसे १०० से 150 तक करें।
  • पांच मिनट तक लगातार इस प्रक्रिया को दोहराएं और फिर थोड़ी देर आराम के बाद दुबारा यह प्रक्रिया दोहराएं ।
  • 10-15 मिनट तक इस योग को करने से आपकी कई परेशानियां दूर हो जाएगी।
  • कपालभाति प्राणायाम को बहुत तेज गति से न करें। इसे बिल्कुल आराम से करें और बार-बार करें।

यदि किसी भी योग या प्राणायाम को सही तरीके से न किया जाए तो उससे मिलने वाले लाभ की जगह हानि का सामना करना पड़ सकता है। अतः कुछ बीमारियां अगर शरीर में हो तो इस  प्राणायाम को  नहीं करना चाहिए।

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सावधानियां :

  • सांस भीतर स्वतः ही अर्थात् बल प्रयोग के बगैर ली जानी चाहिए तथा उसे बल के साथ छोड़ा जाना चाहिए किंतु व्यक्ति को इससे दम घुटने जैसी अनुभूति नहीं होनी चाहिए।
  • हर्निया, मिर्गी, स्लिप डिस्क, कमर दर्द, हाइपरटेंशन, पेट की सर्जरी के बाद और स्टेंट के मरीजों कों यह योग नहीं करना चाहिए।
  • इसके अलावा महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान, गर्भावस्था से पहले और बाद में यह योग नहीं करना चाहिए।
  • कपालभाति के बाद ऐसे योग करने चाहिए जिससे शरीर शांत जाए।

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रिपोर्ट: डॉ.हिमानी