जानिए सप्ताह दर सप्ताह कैसे गर्भ में विकसित होता है शिशु

by Darshana Bhawsar
Pregnancy

किसी भी घर में बच्चे का जन्म होना मतलब उस परिवार का पूरा होना माना जाता है। लेकिन बच्चे के गर्भ में आने से लेकर उसके पैदा होने तक का सफर माँ और बच्चे दोनों के लिए बहुत जटिल होता है। इस समय माँ और बच्चे दोनों का बहुत ही ध्यान रखना होता है। कई बार दम्पत्तियों को नहीं पता होता कि इस समय पर ध्यान कैसे रखना है या दिनों दिन कैसे बच्चे में परिवर्तन आएगा या सप्ताह दर सप्ताह कैसे गर्भ में बच्चा विकसित होगा। तो आज हम यहाँ आपको यही बताने वाले हैं कि सप्ताह दर सप्ताह कैसे शिशु गर्भ में विकसित होता है और कैसे शिशु का गर्भ में पालन पोषण होता है।

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गर्भचक्र महीने और सप्ताह के अनुसार:

यह तो शायद स्सभी जानते होंगे कि गर्भचक्र का समय 39 से 40 सप्ताह तक का होता है और जिसे 9 महीने और 9 दिनों का चक्र भी कहा जाता है। कभी कभी तो यह चक्र पूर्ण शिशु पूरा करता है लेकिन कभी कभी यह चक्र ज्यादा और कम भी हो सकता है। इन 9 महीने और 9 दिनों या इन 39 से 40 सप्ताह में शिशु में कई प्रकार के परिवर्तन आते हैं। इस तरह सप्ताह दर सप्ताह शिशु का गर्भ में विकास होता है जिन्हें माँ के द्वारा महसूस किया जा सकता है। साथ ही साथ आज के समय में ऐसी मशीन आ गई हैं जिससे आप अपने बच्चे का विकास देख सकते हैं और वह गर्भ में क्या प्रतिक्रिया दे रहा है वह भी जान सकते हैं।

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गर्भचक्र के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:

जैसे सप्ताह दर सप्ताह शिशु का गर्भ में विकास होता है वैसे ही गर्भधारण के दौरान और शिशु के पैदा होने तक कई चीज़ों का ध्यान रखना जरुरी है। जिससे आगे किसी प्रकार की समस्या न हो, सबसे ज्यादा ध्यान रखने योग्य बातें हैं:

  • माता को किसी प्रकार का मानसिक तनाव न हो।
  • खाने का विशेष ध्यान रखना होता है।
  • हो सकते तो योग और धीरे धीरे वॉक करें। इसके लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • समय पर सोना और उठाना बहुत जरुरी है।
  • समय समय पर अपना वजन देखते रहे।
  • अगर आपको थोड़ी सी भी परेशानी लगती है तो डॉक्टर को जरूर बतायें।
  • सप्ताह दर सप्ताह डॉक्टर से मिले और उनसे सलाह लेते रहे।
  • खुश रहने का प्रयास करें क्योंकि इस समय अवसाद पैसा होना स्वाभाविक होता है।
  • भारी सामान न उठायें।

तो इन सभी चीज़ों का ध्यान रखना बहुत जरुरी है। अगर आपके साथ कोई बुजुर्ग है तो वे भी आपका इस समय अच्छे से ख्याल रख सकते हैं और आपको समय समय पर सही सलाह दे सकते हैं।

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हर सप्ताह माता में और शिशु में कई प्रकार के बदलाब आते हैं जिन्हें जानना और समझना बहुत आवश्यक है तो आप ये सोच के चिंतित न हों कि ये बदलाब कैसे हैं। ये बदलाब कुछ भी हो सकते हैं जैसे वजन बढ़ना, अचानक हँसने का मन होना या रोने का मन होना, कभी भूख ज्यादा तो कभी कम लगना, कभी किसी को अचानक खाने का मन होना इत्यादि। ये स्वाभाविक से बदलाब हैं जो गर्भावस्था में होते हैं। इस समय बच्चे का आकार कई प्रकार से बदलता है और बच्चे का वजन भी बढ़ता है।