जानिए पहले महीने में शिशु कैसे होता है विकसित

by Darshana Bhawsar
Pregnant lady

जब कोई महिला माँ बनती है और पहली बार माँ बनती है तब उन्हें अपना ध्यान रखने की ज्यादा आवश्यकता होती है। माँ बनने के साथ ही साथ गर्भवती महिला को बहुत से परिवर्तनों से गुजरना होता है। आज हम यहाँ जानेंगे कि पहले महीने में कैसे होता है शिशु का विकास। हर गर्भवती महिला ये जानना चाहती है कि उसकी कोख में उसका शिशु किस तरह से विकसित हो रहा है वह ठीक है या नहीं और भी कई चीज़ें। आज के समय में मशीनों ने यह कार्य आसान कर दिया है। गर्भवती महिला मशीन के द्वारा आज अपने बच्चे को विकसित होते हुए तो देख ही सकती है साथ ही अपने बच्चे की धड़कने भी सुन सकती हैं। जानते हैं शिशु के पहले महीने के विकास के बारे में।

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  • पहले महीने में कैसे होता है शिशु का विकास:

गर्भधारण के पहले महीने में गर्भाशय में विभाजित जो कोशिकाओं की बॉल्स होती हैं वे भ्रूण का रूप लेने लगती है। इसमें शामिल होता है अल्पविकसित नाल और गर्भनाल, इन दोनों का कार्य होता है शिशु को पोषण और ऑक्सिजन प्रदान करना। पहले महीने में शिशु का मस्तिष्क, रीड की हड्डी, फेंफडे और दिल आकार लेना शुरू कर देते हैं। इसे मशीन के द्वारा देखा जाना संभव है। इस समय बच्चे का आकार बहुत ही छोटा होता है।

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पहले महीने में शिशु एक थैली में होता है जो पानी भरी हुई होती है। इस समय उसकी लम्बाई 0.6 से.मी. तक होती है। हालाँकि इस समय शिशु में बहुत तेज़ी से विकास होता है। इस ही तरह हर महीने एवं हर सप्ताह में शिशु में कई प्रकार के परिवर्तन आते हैं। और नौवें महीने में शिशु पूर्ण शिशु का आकार ले लेता है।

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  • गर्भवती को पहले महीने में आने वाली समस्याएँ:

ये तो हमने देख ही लिया है कि पहले महीने में कैसे होता है शिशु का विकास, वैसे ही पहले महीने में गर्भवती महिलाओं को कई प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ता है जैसे:

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  1. कब्ज होना।
  2. गैस बनना।
  3. मन मिचलाना।
  4. स्तन में दर्द और तनाव महसूस होना।
  5. चिडचिडापन होना।
  6. वजन बढ़ना।
  7. सुजन आना।
  8. मन स्थिर न होना।

इस तरह की कई समस्याएँ गर्भवती महिलाओं को पहले महीने में होती है जिसे उन्हें अपनाने में थोडा समय लगता है। पहला महिना माँ और बच्चे दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण होता है इस समय महिलाओं को अपना बहुत ध्यान रखना चाहिए और थोड़ी सी भी समस्या महसूस होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए।

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Source: What in India

तो अब तो आप समझ ही गई होंगी कि पहले महीने में कैसे होता है शिशु का विकास। शिशु का यह धीरे  धीरे होने वाला विकास माँ के मन में एक उत्साह भी भर देता है जिसे माँ महसूस करती है। इसलिए कहा जाता है माँ बनना हर स्त्री के लिए सोभाग्य होता है।