डायबिटीज के लिए आयुर्वेद टिप्स

by Darshana Bhawsar
डायबिटीज

आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से सभी प्रकार की बिमारियों से निजात पाया जा सकता है। आज के समय में लोग डायबिटीज (मधुमेह) से बहुत परेशान हैं। मधुमेह से कई अन्य बीमारियाँ भी जन्म लेती है। मधुमेह पर समय रहते नियंत्रण पाना बहुत आवश्यक है। डायबिटीज के लिए आयुर्वेद की कई टिप्स हैं जिन्हें अपनाकर डायबिटीज को दूर किया जा सकता है। मधुमेह या डायबिटीज में उच्च रक्त शर्करा को काफी लम्बे समय से देखा जाता है एवं इसका स्तर काफी अधिक होता है। डायबिटीज के कारण कई गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं जैसे नॉनकेटोटिक हाइपरोस्मोलर कोमा, मधुमेह केटोएसिडोसिस और इनके कारण मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए इसको नियंत्रित करना बहुत आवश्यक है। आयुर्वेद टिप्स से डायबिटीज को नियंत्रित करना संभव है।

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डायबिटीज के लिए आयुर्वेद में सबसे पहले प्राथमिकता दी गयी है खान-पान को। डायबिटीज  को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले खाने में मीठे की मात्रा को कम करना जरुरी है इसके बाद चाय से परहेज बहुत जरुरी है एवं निकोटिन वाली हर चीज़ से परहेज जरुरी है। कम से कम 3 किलो मीटर पैदल चलना चलिए। इससे शरीर में स्फूर्ति रहेगी। अब बात आती है आयुर्वेद टिप्स की तो वे इस प्रकार हैं:

डायबिटीज

जामुन की गुठली:

जामुन को डायबिटीज के लिए आयुर्वेद में बहुत उत्तम औषधि माना गया है। जामुन की गुठली को सुखा लें इसके बाद इसको महीन पीस लें और इस चूर्ण का सेवन पानी से खली पेट करें। एक ही सप्ताह में मधुमेह में आराम देखने को मिल जायेगा।

करेला:

करेला एक सब्जी तो है ही साथ ही आयुर्वेदिक औषधि भी है इसके नियमित सेवन से या इसके जूस के सेवन से डायबिटीज पर बहुत आसानी से नियंत्रण पाया जा सकता है। इसलिए करेला डायबिटीज के लिए आयुर्वेद विशेष स्थान पर है।

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एलोवेरा:

एलोवेरा की ताज़ी पत्ती से उसका गुदा निकाल कर उसका सेवन करने से कुछ ही दिनों में डायबिटीज नियंत्रित होने लगती है और थोड़े ही समय में नष्ट हो जाती है। आयुर्वेद टिप्स में डायबिटीज के लिए एलोवेरा को जूस के रूम में भी उपयोग किया जाता है।

डायबिटीज में शर्करा की मात्रा कम और ज्यादा दोनों ही नुकसानदायक है इसलिए डायबिटीज की जाँच समय-समय पर करवाना चाहिए।