आयुर्वेद की उपयोगिता का रहस्य

by Darshana Bhawsar
आयुर्वेद

आयुर्वेद विज्ञान चिकित्सा पद्धतियों में सबसे प्राचीन पद्धति है एवं विश्वसनीय भी है। दुनिया में जब यह पद्धति अवतरित हुई तब लोगों को गयी रोगों से मुक्ति मिली। पुराने समय में जब भी किसी व्यक्ति को शरीर में किसी भी प्रकार की तकलीफ होती थी तो उसे जड़ी-बूटी या फिर लेप के द्वारा ठीक
किया जाता था एवं इस चिकित्सा को आयुर्वेद कहा गया। आयुर्वेद की उपयोगिता के लिए तो कई वैध विद्वानों ने पुस्तकें लिखी हैं जिनमें आयुर्वेद का सम्पूर्ण सार है। आयुर्वेद की उपयोगिता कई जगह पर है – जैसे:

सौंदर्य:

सौंदर्य के लिए आयुर्वेद में कई ऐसे अचूक उपाय हैं जो आयुर्वेद की उपयोगिता का बखान करते हैं। जब आयुर्वेद में सौंदर्य की बात आती है तो दही, चन्दन, हल्दी, तुलसी, एलोवेरा का नाम सबसे पहले लिया जाता है क्योंकि ये सभी औषधि के रूप में कार्य करते हैं एवं सौंदर्य को बढ़ाते हैं।

आयुर्वेद

पेट की बीमारी को दूर करने में:

हर बीमारी की जड़ पेट को बताया जाता है। और आयुर्वेद विज्ञान में भी कहा गया है अगर आपका पेट साफ़ है तो आप सभी बिमारियों से मुक्त हो सकते हैं। आयुर्वेद में कई ऐसी दवाओं एवं फल के बारे में बताया गया हैं जो आपके पेट को साफ़ रखने में मददगार हैं जैसे जामुन, अमरुद, चीकू आदि। इस जगह आयुर्वेद की उपयोगिता बहुत अधिक है।

मष्तिष्क की बीमारी में:

आज के आधुनिक समय में दिमागी तानव होने के कारण शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा मतलब मष्तिष्क सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। और व्यवस्थित तरीके से कार्य करने के लिए मष्तिष्क का स्वथ्य रहना बहुत जरुरी है। आयुर्वेद विज्ञान में मष्तिष्क को तानव मुक्त रखने के भी कई उपाय हैं। जो माइग्रेन जैसे खतरनाक रोगों से लड़ने के लिए सक्षम है। यहाँ भी आयुर्वेद की उपयोगिता की अहम् भूमिका है।

ह्रदय रोग:

टेंशन या तानव के कारण ही ह्रदय रोग व्यक्ति को घेर लेता है एवं ह्रदय रोग ये बचने के लिए आयुर्वेद में योग और व्यायाम को विशेष जगह दी गयी है। और भी कई औषधि हैं जिनसे ह्रदय रोग को रोका जा सकता है एवं नियंत्रण पाया जा सकता है। इस तरह से आयुर्वेद की उपयोगिता शरीर में होने वाली हर बीमारी की रोकथाम के लिए हैं एवं बीमारी को जड़ से ख़त्म करने के लिए है। आयुर्वेद विज्ञान की बराबरी किसी और चिकित्सा पद्धति में आज तक
नहीं देखी गयी है।