मोटापा घटाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार

by Darshana Bhawsar
मोटापा

आज के समय में मोटापा एक बहुत ही भयानक रोग के समान है और इससे बचने के लिए लोग तरह- तरह के उपाय करते हैं जैसे जिम जाना, व्यायाम करना, योग करना इत्यादि। मोटापे के लिए लोग आयुर्वेदिक उपचार को बहुत पसंद करते हैं। यहाँ हम मोटापा घटाने का आयुर्वेदिक इलाज देखेंगे।मोटापा दो प्रकार का होता है

1. वंशानुगत:
ये माता पिता या वंश से आता है यदि मां-बाप मोटे है तो संतान भी मोटी होगी। अगर मोटापे के साथ शरीर में स्फूर्ति है तो कोई परेशानी नहीं है लेकिन अगर मोटापे के साथ आलास भरा होता है तो इससे कई प्रकार की परेशानी हो सकती हैं। इस तरह का मोटापा घटाने का आयुर्वेदिक इलाज है जैसे सुबह गरम पानी पीना। आयुर्वेदिक उपचार हर बीमारी को जड़ से समाप्त करने में सक्षम है।

मोटापा

2. यह खुद बुलाया गया मोटापा:

यह मोटापा वह होता है जो आज के समय में ज्यादा पाया जाता है। मोटापा अपने आप में एक बीमारी है। खूब खाना और बिस्तर पर आराम फर्माना। यह मोटापा सुविधा भोगी सम्पन्न परिवार के सदस्यों में अधिक देखने को मिलता है। बहुत खाने एवं सोने वाले लोग दिन प्रति दिन स्थूल होते जाते हैं और इतने
अधिक मोटे हो जाते हैं कि खुद तमाम बीमारियों का घर बन जाते हैं। यह मोटापा खुद से बुलाया होता है। आयुर्वेदिक उपचार के जरिये इस मोटापे को घटाया जा सकता है।

३. आप मोटे हैं या भ्रम है:

इसका परीक्षण खुद आप कर सकते हैं। आप अपनी लम्बाई ईन्चो में नापे मान ले आप की लम्बाई 65&quotहै,  तो आपका वजन 65 किलो होना सामान्य माना जायेगा। यदि अधिक है तो आप मोटापे की श्रेणी में आते हैं और यदि आप दुबले हैं और आपका वजन इससे कम है तो आप दुबलेपन का शिकार हैं। मोटापा घटाने का आयुर्वेदिक इलाज बहुत कारगार हैं एवं इनके नियमित उपयोग से मोटापा चुटकी में समाप्त हो
जाता है। मोटापा तमाम असाध्य बिन बुलाई बिमारियों का स्थाई ठिकाना बन जाता है जैसे मधुमेह, ह्रदय रोग, दमा, बबासीर आदि। और ये वो बीमारियाँ हैं जो जान लेकर ही बिदा होती।

निवारण:

इनका पालन करना थोडा कठिन है। इसके लिए सबसे पहले तो जीभ को काबू में रखना आवश्यक है। यदि इस पर गम्भीरता से कदम बढा दिया जाये और उसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया तो मानकर चलिये आपने मोटापे से आधी जंग फतह करली। बाकी आधी भी आपके कठोर नियंत्रण के आगे अधिक दिन टिक नहीं पायेगा। मोटापे के लिए आपको अपनी दिनचर्या परिवर्तन पर विशेष ध्यान देना होता है जैसे सुबह जल्दी उठना, पानी की मात्रा बराबर लेना, रोज सुबह टहलना इत्यादि।